कानपुर। कुख्यात बदमाश विकास दुबे के करीबी जय बाजपेयी के तीनों भाइयों ने शुक्रवार को एडीजे-5 की कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। अजयकांत, रजयकांत और शोभित बाजपेयी 25 हजार के इनामी थे। तीनों पहले से ही वकीलों के सम्पर्क में थे। दोपहर में उनके आत्मसमर्पण के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया। कोर्ट की मंजूरी के आधे घंटे बाद ही तीनों ने समर्पण कर दिया। तीनों के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्त के तहत कार्रवाई की है। तीनों की गिरफ्तारी पर डीआईजी ने 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया था।
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मंगलवार को पुलिस ने तीनों भाइयों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई शुरू की थी। तीनों के घर के बाहर मुनादी बजवाने के साथ ही कुर्की की उद्घोषणा का नोटिस चस्पा किया गया था। इसके एक महीने में अगर तीनों हाजिर नहीं होते। तब पुलिस कोर्ट से ऑर्डर लेकर उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई को अमल में लाती।
अधिवक्ता देवेन्द्र द्विवेदी ने दोपहर लगभग 12:30 बजे कोर्ट में सरेंडर के लिए प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद तीनों आरोपी वकीलों के घेरे में दोपहर करीब एक बजे एडीजे-5 की कोर्ट पहुंचे। उन्हें देखने के लिए वहां पर लोगों की भीड़ लग गई।
जय बाजपेयी के भाई बोले- हमे फंसाया गया है
तीनों भाइयों के चेहरे पर कोर्ट में प्रस्तुत होने के दौरान भी कोई शिकन नहीं थी। जय का छोटा भाई शोभित बाजपेयी जब कोर्ट रूम से बाहर निकला तो चिल्लाने लगा। वह कह रहा था कि हम लोगों ने कुछ नहीं किया। हमारा किसी मामले से कुछ लेना देना नहीं। पुलिस ने हमें पूरे मामले में जबरदस्ती फंसाया है। सुनवाई पूरी होने के बाद पुलिस ने उन्हें पुलिस वैन में डाला और जेल के लिए रवाना हो गई।
आर्थिक अपराधों में लिप्त रहे
बिकरू कांड के बाद जब विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ उसके बाद पुलिस ने जय बाजपेयी को जेल भेजा था। उस पर घटना में विकास की मदद करने और उसे असलहा मुहैया कराने का आरोप है। इस कार्रवाई के बाद जब पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि चारों भाई गिरोहबंदी कर आर्थिक अपराधों में लिप्त रहे हैं। इससे करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित की है।