हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के मौदहा कस्बे में करोड़ों रुपये के फंड की पुनर्गठन पेयजल योजना यहां रामभरोसे है। यहां 60 साल पुरानी जर्जर पाइपलाइनों के जरिए हजारों लोगों को जलापूर्ति कराए जाने में अभियंता भी अब हाथ खड़े कर दिए है। इसीलिए अब जलनिगम (Jalnigam) ने अमृत योजना (Amrit Yojana) के जरिए सभी निकायों में एक-एक पेयजल योजना बनाने की तैयारी शुरू की है।
हमीरपुर जिले के मौदहा कस्बे में पानी के संकट से पिछले कई दशकों से लोग जूझ रहे है।जलनिगम (Jalnigam) की 60 साल पुरानी पेयजल योजना (Drinking Water Scheme)भी अब दम तोड़ रही है जिससे आए दिन पाइपलाइनें लीकेज होने से लोगों को पानी का पानी नहीं मिल पाता है। गर्मियों के मौसम में इन्हीं जर्जर पाइपलाइनों से जलापूर्ति होने से लोग बीमारी की चपेट में आ जाते है। बताते है कि मौदहा कस्बे में पुरानी पेयजल योजना (Drinking Water Scheme) की विदाई कर नये सिरे से पुनर्गठन पेयजल योजना (Drinking Water Scheme) को जमीन पर लाए जाने के लिए सरकार ने हरी झंडी दे ही है लेकिन अभी तक कोई फंड नहीं अवमुक्त किया जा सका।
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जिससे कस्बे की हजारों की आबादी साठ साल पुरानी जर्जर पाइपलाइनों के सहारे ही जलापूर्ति पर निर्भर है। विभाग के अभियंता के मुताबिक शुरू में तीन से चार फीट की गहराई में डाली गई पाइपलाइनें अब पांच से दस फीट तक नीचे चली गई है। जिन्हें सर्च करना बड़ा मुश्किल है। कई बार पुरानी लाइन न मिलने के कारण अभियंताओं को नई लाइन भी डालनी पड़ी।
जलनिगम (Jalnigam) के अधिशाषी अभियंता बीके तिवारी ने बताया कि पुनर्गठन पेयजल योजना के स्थान पर अब अमृत योजना (Amrit Yojana) शुरू कराई गई है जिसमें तीन चरण में मौदहा, हमीरपुर व अन्य अन्य नगरीय इलाकों में पाइपलाइनों के विस्तार में नई लाइनें बनेगी। साथ ही ओवर हेड टैंक, नए नलकूप सहित अन्य तकनीकी कार्य कराए जाएंगे। बताया कि जर्जर पाइप लाइनें अक्सर जलापूर्ति के दौरान फट जाती है।
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जलनिगम (Jalnigam) के अभियंता रामरतन ने बताया कि शासन से अब अमृत पेयजल योजना (Amrit Drinking Water Scheme) शुरू करने के लिए मंजूरी मिल चुकी है। पहले फेस में सर्वे होगा फिर इसके बाद योजना में प्रस्तावित सभी कार्य कराए जाएंगे। बताया कि हमीरपुर, मौदहा, राठ आदि नगर पालिकाओं के अलावा कुरारा, सुमेरपुर, गोहांड व सरीला नगर पंचायतों में भी यह योजना शुरू होगी। हमीरपुर जिले के सात स्थानों पर अमृत योजना को जमीन पर लाए जाने में तकरीबन कई करोड़ की धनराशि का भी प्रावधान होगा।
जलनिगम (Jalnigam) की साठ साल पुरानी पेयजल योजना (Drinking Water Scheme)भी अब दम तोड़ रही है जिससे आए दिन पाइपलाइनें लीकेज होने से लोगों को पानी का पानी नहीं मिल पाता है। गर्मियों के मौसम में इन्हीं जर्जर पाइपलाइनों से जलापूर्ति होने से लोग बीमारी की चपेट में आ जाते है। बताते है कि मौदहा कस्बे में पुरानी पेयजल योजना ( Drinking Water Scheme)की विदाई कर नये सिरे से पुनर्गठन पेयजल योजना को जमीन पर लाए जाने के लिए सरकार ने हरी झंडी दे ही है लेकिन अभी तक कोई फंड नहीं अवमुक्त किया जा सका।
जिससे कस्बे की हजारों की आबादी साठ साल पुरानी जर्जर पाइपलाइनों के सहारे ही जलापूर्ति पर निर्भर है। विभाग के अभियंता के मुताबिक शुरू में तीन से चार फीट की गहराई में डाली गई पाइपलाइनें अब पांच से दस फीट तक नीचे चली गई है। जिन्हें सर्च करना बड़ा मुश्किल है। कई बार पुरानी लाइन न मिलने के कारण अभियंताओं को नई लाइन भी डालनी पड़ी। जलनिगम (Jalnigam) ने अमृत योजना (Amrit Yojana) के जरिए सभी निकायों में एक-एक पेयजल योजना बनाने की तैयारी शुरू की है।