स्वास्थ्य कारणों से अपना पद छोड़ने वाले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की कैबिनेट ने भी बुधवार को इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही श्री आबे के करीब आठ वर्ष लंबे रिकाॅर्ड कार्यकाल का भी अंत हो गया।
श्री आबे ने प्रधानमंत्री कार्यालय में इस अवसर पर कहा, “सत्ता में रहते हुए मैंने प्रत्येक दिन पूरी कोशिश की है कि देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाया जाये और जापान के हितों के संरक्षण के लिए हर संभव कूटनीतिक कदम उठाए जायें।”
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गौरतलब है कि जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नये नेता योशीहिदे सुगा जापान के नये प्रधानमंत्री का पद संभालने के लिए तैयार हैं। श्री सुगा के समक्ष देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती होगी। कोरोना वायरस महामारी के कारण जापान की अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है और वह ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर है।
उल्लेखनीय है कि श्री आबे ने 28 अगस्त को स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले वर्ष 2007 में भी उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 2012 के चुनाव में श्री आबे भारी बहुमत के साथ पुन: सत्ता में लौटे थे।
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श्री आबे काफी समय से आंतों की बीमारी ‘अल्सरेटिव कोलाइटिस’ से पीड़ित हैं। यह बड़ी आंत की एक गंभीर बीमारी है, जिससे श्री आबे किशोरावस्था से ही जूझ रहे हैं। इस बीमारी में बड़ी आंत की अंदरूनी परत में सूजन और जलन हो जाती है जिससे कई छोटे-छोटे छाले बनने लगते हैं। उन छालों और सूजन के कारण पेट-संबंधी परेशानियां होने लगती हैं जो पाचन तंत्र पर बुरा असर डालती हैं। इससे आंतों और मलाशय का कैंसर होने की आशंका भी होती है।
श्री आबे का कार्यकाल सितंबर 2021 में समाप्त होने वाला था। श्री आबे के नाम सबसे लंबे समय तक जापान का प्रधानमंत्री रहने का भी रिकार्ड है।