जापान। आजकल आए दिन किसी न किसी विज्ञापन से विवाद खड़ा हो जाता है। कुछ ही दिन पहले भारत में आभूषण के ब्रांड के विज्ञापन से विवाद हुआ थाJapan’s people outraged by Nike’s advertisement, company boycott campaign, जिसके बाद कम्पनी को विज्ञापन हटाना पड़ा थ। नाइकी कंपनी के एक विज्ञापन से जापान में विवाद भड़क गया है। नाइकी खेल का सामान बनाने वाली कंपनी है। उसने एक वीडियो बनाया, जिसमें जापान में मौजूद नस्लभेद की तह में जाने की कोशिश की गई। ऐसा तीन बालिका फुटबॉलरों के जरिए किया गया। दो मिनट का ये वीडियो बीते सोमवार को जारी किया गया था। जैसे ही ये लोकप्रिय हुआ, जापान के एक बड़े सर्वे ने इसे जापानी समाज का अपमान बताना शुरू कर दिया। उसके बाद सोशल मीडिया पर नाइकी कंपनी के उत्पादों के बायकॉट की मुहिम छेड़ दी गई है।
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बुधवार तक इस वीडियो फिल्म को ट्विटर पर लगभग डेढ़ करोड़ लोग देख चुके थे। लगभग 65 हजार लोगों ने इसे लाइक किया था। 16 हजार से ज्यादा कमेंट इस पर किए जा चुके थे। यू-ट्यूब पर ट्विटर की तुलना में कई गुना ज्यादा लोगों ने इस विज्ञापन को देखा है। जापानी समाज के एक तबके ने इसकी तारीफ की है। सोशल मीडिया पर इस तबके ने इसे सशक्त संदेश देने वाला विज्ञापन बताया है। लेकिन जापान के दक्षिणपंथी खेमे का कहना है कि इसमें जापानी समाज की गलत छवि पेश की गई है।
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सोशल मीडिया पर एक कमेंट में कहा गया- क्या जापानी समाज सचमुच भेदभाव से भरपूर है? ऐसा लगता है कि इस बारे में कंपनी गलत धारणा बना रही है। एक दूसरे व्यक्ति ने लिखा कि अब अकसर दो अलग-अलग राष्ट्रीयताओं के बच्चे साथ- साथ स्कूल जाते देखे जाते हैं। इसलिए अगर सचमुच कोई पूर्वाग्रह से ग्रस्त है, तो वह नाइकी है। यह इल्जाम भी लगाया है कि कुछ ताकतों को जापान पर इल्जाम लगाने में मजा आता है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बड़ी संख्या में लोगों ने नाइकी के उत्पाद अब ना खरीदने का एलान किया है।