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जौनपुर : श्रमजीवी एक्स्प्रेस बम विस्फोट कांड की 15 वीं बरसीं , ट्रेनों की हो रही सघन चेकिंग

श्रमजीवी एक्सप्रेस विस्फोट कांड

जौनपुर : श्रमजीवी एक्स्प्रेस बम विस्फोट कांड की 15 वीं बरसीं

जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में आज से 15 साल पहले श्रमजीवी एक्सप्रेस पर हुए आतंकवादी हमले के सभी आरोपी आतंकवादी अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नही आये हैं और तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के आश्वासन के बावजूद इस हादसे में मरने वालों के परिजन अब भी रेलवे में नौकरी मिलने की बाट जोह रहे हैं।

श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में हुए बम विस्फोट की 28 जुलाई को 15 वीं बरसी है और जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बुधिराम यादव ने इस मामले में दो आरोपी आतंकवादियों क्रमशः आलमगीर उर्फ रोनी को 30 जुलाई 2016 और ओबेदुर्रहमान उर्फ बाबू भाई को 31 अगस्त 2016 को फांसी की सजा और 10 -10 लाख रुपये जुर्माना की सजा दी है। बाकी दो आरोपी आतंकवादियों क्रमशः नफीकुल विश्वास व हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल के मामले में सुनवाई अब भी जारी है। 28 जुलाई 2005 को पटना से चलकर नई दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रैन के सामान्य डिब्बे में यात्रा कर रहे लोगों को यह आभास नही था कि यह उनके जीवन का अंतिम समय होगा।

उत्तर प्रदेश् के जौनपुर जिले के हरपालगंज (सिंगरामउ) व कोइरीपुर (सुल्तानपुर) रेलवे स्टेशनो के बीच हरिहरपुर रेलवे क्रासिंग पर श्रमजीवी एक्सप्रेस में हुए भीषण बम विस्फोट में 14 लोग मारे गये और कम से कम 90 लोग घायल हो गये थे। इस बम विस्फोट में शैफफैजल, कुनाल, सुधीर कुमार, परमशिला , विनोद, रविदास, कमालुद्दीन, सुबास ठाकुर, कुमारी कविता, सुबोध बढ़ई, अरविन्द सिंह, संतोष, दिगम्बर चौधरी, सफीक उर्फ डब्बू और अमरनाथ चौबे की जाने गयी थी।

बम विस्फोट के पीछे आतंकवादी ओबैदुर्रहमान उर्फ बाबूूभाई (बंगलादेश्) नफीकुल विशवास (मुर्शीदाबाद), सोहाग खान उर्फ हिलाल उर्फ हिलालुद्दीन (बंगलादेश् ), मोहम्मद आलमगिर उर्फ रोनी (बंगलादेश्), डाक्टर सईद और गुलाम राजदानी का हाथ होने के बारे में पता चला। इसमें से डाक्टर सईद का अभी तक कोई सुराग नही मिला है जबकि एक आरोपी गुलाम राजदानी उर्फ याहिया को मुठभेड़ में मारा जा चुका है।

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इस घटना को अंजाम देने की योजना राजशाही बांग्लादेश में बनी थी। इस घटना में शामिल रहे अन्य आतंकवादियों में से मोहम्मद शरीफ अभी फरार चल रहा है, उसकी गिरफ्तारी के लिए इण्टरपोल की मदद ली जा रही है। इस मामले में पुलिस ने पहले तीन आरोपी आतंकवादी क्रमशः ओबैदुर्रहमान, हिलालुद्दीन व नफीकुल विश्वास को पहले गिरफ्तार किया और तीनों को जौनपुर कारागर में बन्द किया गया। वर्ष 2007 में दिल्ली में मो0 आलमगीर उर्फ रोनी को गिरफ्तार किया और उसे तिहाड़ जेल में रखा गया है वही से हर पेशी पर जौनपुर लाया जाता था।

इस मामले की सुनवाई जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश् ( प्रथम ) बुुद्धिराम यादव कर रहे थे । दोनों के मामलों मेें आरोपियो को फांसी की सजा सुनायी जा चुकी है । इस समय इस मामले के दो आरोपियों नफी कुल विश्वास और हिलालुद्दीन उर्फ हिलाल की सुनवाई जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ( प्रथम ) मनोज कुमार यादव कर रहे हैं और आगामी 31 जुलाई इसमें सुनवाई हेतु तिथि नियत है । इस दौरान परीक्षण में दो आरोपी आतंकवादियो नफीकुल विशवास व हिलालुद्दीन को एक अन्य मुकदमे के सिलसिले में हैदराबाद भेजा गया था। इसलिए इस समय केवल दो आरोपियो ओबैदुर्रहमांन और आलमगीर के विरुद्ध ही जौनपुर में कार्यवाई हो रही थी ।

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अनेक घरों को उजाड़ देने और कई लोगों के भरण-पोषण का सहारा छीन लेने वाले इस काण्ड को हुए आज 15 वर्ष पूरा हो जायेगा। तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा नौकरी के लिए दिया गया आश्वासन पूरा नही हो सका। इस हादसे में मरने वालों के परिजन आज भी रेलमंत्री पीयूष गोयल से नौकरी की आस लगाये बैठे हैं। इस मामले में दिल्ली के सहायक पुलिस आयुक्त संजीव यादव भी वतौर साक्षी अपना बयान दे चुके है।

इस बीच श्रमजीवी बम काण्ड की घटना के आज 28 जुलाई को 15 वर्ष पूरा होने के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने सभी ट्रेनों की जांच का आदेश् दिया है। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने एहतियात तौर पर जिले के सभी रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ा दी है, ताकि दहशत फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा सके । आज 28 जुलाई को जौनपुर जिले से गुजरने वाली सभी ट्रेनों पर पुलिस विभाग पैनी नजर रखेगा, ऐसी रणनीति बनायी गयी है।

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