झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी में मौजूद विद्युत थाना (Police Station) आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। कारण है कि यहां अपराधी को जेल नहीं भेजा जाता। बल्कि उसे सजा के रूप में बस जुर्माना ही लगाया जाता है।
इस थाने में बस बिजली चोरी की FIR दर्ज होती है। आरोपी भी पकड़े जाते हैं, लेकिन पुलिस के हाथों में हथकड़ी की जगह होता है जुर्माने का पर्चा। यानी यहां सलाखों में नहीं डाला जाता। बल्कि सीधा जेब ढीली करनी पड़ती है। यानि FIR तो होगी लेकिन किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी कभी नहीं।
विद्युत थाना झांसी के प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद इमरान ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां बिजली चोरी में पकड़े गए उपभोक्ताओं पर मुकदमा जरूर दर्ज होता है। मगर गिरफ्तार कोई नहीं होता। विद्युत चोरी में पकड़े गए व्यक्ति को पहले कंपाउंडिंग का पूरा मौका दिया जाता है। अगर शमन शुल्क यानी जुर्माना भर दिया तो केस वहीं खत्म। लेकिन अगर जेब से रुपये न निकलें तो फिर अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ता है, क्योंकि सीधी चार्जशीट दाखिल कर दी जाती है।
यह अनोखा थाना सिर्फ झांसी तक सीमित नहीं है, विद्युत विभाग ने हर जिले में ऐसे थाने बनाए हैं। फर्क बस इतना है कि यह थाने सामान्य सिविल थानों से अलग तरीके से काम करते हैं। यहां सिविल पुलिस ही तैनात रहती है, लेकिन कामकाज पूरा अलग अंदाज में होता है।
जेब ढीली करके हिसाब बराबर करना
बिजली चोरी की सूचना मिलते ही यह पुलिस टीम विभागीय अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचती है और छापेमारी करती है। विरोध या हंगामे की स्थिति में पुलिस बल सुरक्षा देता है और तुरंत केस दर्ज कर लिया जाता है। लेकिन गिरफ्तारी का नाम तक नहीं लिया जाता, क्योंकि इस थाने का मकसद अपराधियों को सलाखों के पीछे डालना नहीं, बल्कि जेब ढीली करके हिसाब बराबर कराना है।
आप भी यह जान कर हैरान हो जाएंगे कि, जिस थाने में न बंदीगृह है, न हथकड़ी, न थर्ड डिग्री तो वहां आरोपी जाने से क्यों डरेंगे? मगर यहां डर सलाखों का नहीं, जेब के खाली होने का है। यही वजह है कि लोग इस थाने के कामकाज को सुनकर हैरान रह जाते हैं। झांसी के इस थाने ने साफ कर दिया है- चोरी की है बिजली तो सलाखें नहीं, जेब से ही हिसाब देना होगा।
आम थानों से बिल्कुल अलग है ये थाना (Police Station)
विद्युत थाना झांसी के प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद इमरान कहते हैं कि यह थाना आम थानों से बिल्कुल अलग है। यहां का सिस्टम साफ है- बिजली चोरी पकड़े गए तो पहले जुर्माना भरो, वरना सीधी चार्जशीट। इस थाने में न तो हथकड़ी पड़ती है, न ही थर्ड डिग्री दी जाती है। और सबसे खास बात ये कि यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू है। यानी हर जिले में बिजली चोरी रोकने के लिए एक ऐसा थाना काम कर रहा है, जहां कानून सलाखों से नहीं, बल्कि जेब से कसता है।
