रांची| की मैट्रिक परीक्षा का पैटर्न एक साल के लिए बदल दिया गया है। मैट्रिक में 90 अंक की लिखित परीक्षा और 10 अंक का इंटरनल एसेसमेंट (आंतरिक मूल्यांकन) होगा। हर साल 20 अंक का इंटरनल एसेसमेंट हो रहा था। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसके साथ ही मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा का वेटेज ऑफ मार्क्स तय कर लिया है।
मैट्रिक में जहां विज्ञान छोड़ हर विषय में 30 प्रतिशत ऑब्जेक्टिव प्रश्न रहेंगे, वहीं इंटरमीडिएट में इस तरह के 40 प्रश्न रहेंगे। मैट्रिक में सिर्फ साइंस में 20 प्रतिशत सवाल ऑब्जेक्टिव रहेंगे और 10 प्रतिशत का प्रैक्टिकल होगा। शिक्षा विभाग ने पहली बार वेटेज ऑफ मार्क्स तय कर झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) को भेज दिया है। जैक अगले एक-दो दिनों में इसे जारी करेगा।
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राज्य सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से स्कूल नहीं खुलने और पढ़ाई बाधित होने के बाद 40 फ़ीसदी सिलेबस में कटौती की थी। इसी आधार पर मैट्रिक और इंटरमीडिएट की 2021 की परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने का निर्णय लिया था। सीबीएसई, राजस्थान और ओडिशा के मॉडल का अध्ययन के बाद वेटेज ऑफ मार्क्स तय किया गया है।
जैक इसी आधार पर मॉडल प्रश्न पत्र तैयार करेगा और परीक्षार्थियों के लिए उसे जारी किया जाएगा। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने स्पष्ट कहा कि कोविड-19 की वजह से स्कूलों में क्लास नहीं चल रहे हैं। इससे क्लास में छात्रों की उपस्थिति नहीं है। ऐसे में स्कूलों को मैट्रिक की परीक्षा में इंटरनल एसेसमेंट में उपस्थिति के आधार पर अंक देने में कठिनाई होगी। इसलिए 2021 की मैट्रिक की परीक्षा में विज्ञान को छोड़कर अन्य विषयों में 10 अंक का ही इंटरनल एसेसमेंट होगा।
मैट्रिक की परीक्षा में हर साल 10 से 20 फ़ीसदी ऑब्जेक्टिव या वेरी शॉर्ट आंसर के प्रश्न आते थे। इसमें एक शब्द या एक वाक्य में उत्तर देना होता है। वहीं इंटरमीडिएट में 25 फ़ीसदी तक ऐसे प्रश्न पूछे जाते थे। इस आधार पर 2021 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट में ऑब्जेक्टिव प्रश्न में 10 से 20 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है।