रांची| झारखंड राज्य की नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सरकार की नियोजन नीति में अनुसूचित जिलों में गैर अनुसूचित जिलों के लोगों को नौकरी के अयोग्य माना गया है। जबकि अनुसूचित जिलों के लोग गैर अनुसूचित जिले में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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याचिका में कहा गया है कि प्रार्थी गैर अनुसूचित जिले की रहने वाली है। उसने दूसरे जिले में हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उनका आवेदन यह कहते हुए रद्द कर दिया गया कि वह गैर अनुसूचित जिले की हैं। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
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जबकि सरकार और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने राज्य की नियोजन नीति को सही ठहराते हुए अदालत में कहा कि झारखंड में कई परिस्थितियों को ध्यान में रखकर ही यह नीति बनायी गयी है। करीब डेढ़ घंटे तक सुनवाई करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।