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जिनपिंग बोले -चीन ने कोविड-19 प्रकोप पर खुले और पारदर्शी तरीके से काम किया

नई दिल्ली। चीन से फैले कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया बेहाल है। यह आरोप चीन पर लगातार लगते रहे हैं कि उसने वायरस से निपटने में प्रभावी रूप से कदम नहीं उठाए। इसको लेकर दुनिया से जानकारी छिपाई है।

इन आरोपों का एक बार फिर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खंडन किया है।  जिनपिंग ने मंगलवार को कहा कि चीन ने कोविड-19 के प्रकोप पर एक खुले और पारदर्शी तरीके से काम किया है। इसने ठोस प्रयास किए जिससे दुनिया भर में दसियों लाख लोगों को महामारी से बचाने में मदद मिली है।

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शी ने बीमारी के खिलाफ देश की लड़ाई के दौरान रोल मॉडल के सम्मान समारोह में कहा कि चीन महामारी के दौरान विकास की ओर लौटने वाली पहली बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि ये इस बात का सबूत है कि देश अपनी क्षमताओं और शक्ति के साथ कितना मजबूत है।

बता दें कि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान प्रांत से दिसंबर 2019 में हुई। इसके बाद यह वायरस देखते-देखते दुनिया के अन्य देशों में तेजी से फैल गया। कोविड-19 से दुनिया की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। पश्चिमी के देशों समेत सभी मुख्य अर्थव्यवस्थाएं महामारी के चलते चौपट हुई हैं।

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अमेरिकी की तरफ से लगातार चीन पर आरोप लगाया जाता रहा है कि इसने कोरोना वायरस को लेकर जानकारी छिपाई, जिसके चलते वायरस तेजी से दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो लगातार चीन पर वायरस को लेकर हमला बोलते रहे हैं।

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ट्रंप ने तो कोरोना वायरस को चीनी वायरस की संज्ञा तक दी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कह चुके हैं कि जैसे-जैसे मैं पूरी दुनिया में महामारी का भद्दा रूप फैलते देख रहा हूं जिसमें अमेरिका को महामारी से हुई भारी क्षति भी शामिल है, वैसे-वैसे चीन के खिलाफ मेरा गुस्सा बढ़ता जाता है।

गौरतलब है कि अमेरिका इस वायरस से बुरी तरह प्रभावित देशों की सूची में पहले स्थान पर हैं। अमेरिका में अब तक 63 लाख इस वायरस की चपेट में आए हैं। वहीं, कोविड-19 की वजह से देश में अब तक 1.89 लाख लोगों की मौत हुई है।

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