दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में नई रूल बुक का विरोध शुरू हो गया है. लेफ्ट और राइट दोनों ही ओर के छात्र संगठनों की ओर से इस रूल बुक को तुगलकी फरमान कहा जा रहा है. छात्रों का कहना है कि इस नई नियमावली से जेएनयू कैंपस में अपना विरोध जताने की अभिव्यक्ति पर ही विराम लग जाएगा जो कि JNU की पहचान है.
JNU प्रशासन की ओर से जारी इन नए नियमों में कई कड़े प्रावधान हैं जिन पर छात्रों की आपत्ति है. इन नये नियमों के तहत छात्रों को कैंपस में धरना या विरोध प्रदर्शन करने के लिए कई बार सोचना होगा.
जानिए क्या हैं नए नियम
धरना या भूख हड़ताल पर 20 हज़ार रुपये का जुर्माना.
कैंपस में हिंसा पर दाखिला रद्द या फिर 30 हजार रुपये का जुर्माना.
किसी भी शिकायत की एक कॉपी मां-बाप को भी भेजी जाएगी.
जिन केस में प्रोफ़ेसर और स्टूडेंट्स दोनों पक्ष होंगे, उनका निपटारा यूनिवर्सिटी की शिकायत निवारण समिति से होगा.
यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़, रैगिंग के मामलों का निपटारा चीफ़ प्रॉक्टर ऑफिस से होगा
रास्ता रोकने, जुआ खेलने, अवैध रूप से हॉस्टल में रहने, गाली देने या आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल को अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
UP Board क्लास 1 से 8 तक की परीक्षा की जारी हुई डेटशीट
एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार नई नियमावली तीन फरवरी से लागू है और यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल से इसे मंजूरी भी मिल चुकी है. नए नियमों में धोखाधड़ी के मामलों से निपटने को भी जगह दी गई है. JNU में एबीवीपी के सेक्रेटरी विकास पटेल ने इन नियमों को तुगलकी फरमान बताया, उन्होंने कहा कि पुराने नियम ही काफी थे. इस कठोर आचार संहिता को वापस लिया जाए.