नई दिल्ली। अमेरिका को जल्द नया राष्ट्रपति मिलने जा रहा है। हालांकि अभी तय नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन में से कौन सत्ता में आएगा? लेकिन पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि अमेरिका को जो बाइडन के रूप में एक नया चेहरा मिले।
बता दें कि पाकिस्तान को डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसलों से दिक्कतें झेलनी पड़ी है। ट्रंप की डिप्लोमेसी के चलते पाकिस्तान को व्यापार, कई महत्वपूर्ण समझौतों और दूसरे देशों से आपसी संबंधों में भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है, जबकि बाइडन को लेकर पाकिस्तान काफी सकारात्मक है।
पाकिस्तान मानता है कि बाइडेन पुराने डिप्लोामेट हैं और दांव-पेंच खेलने में माहिर हैं। पाकिस्तानी विश्लेषकों को भी यह लगता है कि बाइडन के आने से दोनों देशों के रिश्तों का पुराना दौर लौट आएगा, लेकिन सिर्फ इतना भर ही नहीं बाइडन के लिए पाकिस्तान अमेरिका में जो बाइडन को चाहता है जिसके पीछे यह वजहें भी हो सकती हैं।
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बाइडन को 2008 में पाक दे चुका है दूसरा सर्वोच्च सम्मान
पाकिस्तान ने बाइडन को अपने दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ‘हिलाल-ए-पाकिस्तान’ से सम्मानित किया है। ये सम्मान उन्हें 2008 में दिया गया था। उससे पहले ही जो बाइडन और सीनेटर रिचर्ड लुगर पाकिस्तान को हर साल डेढ़ बिलियन डॉलर की गैर-सैन्य मदद देने का ऑफर भी लाए थे। जो बाइडन के साथ ही लुगर को भी ‘हिलाल-ए-पाकिस्तान’ सम्मान दिया गया था। उस समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी थे और उन्होंने दोनों नेताओं का पाकिस्तान का साथ देने के लिए शुक्रिया अदा किया था। ऐसे संबंधों के बाद जब डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान से मुंह मोड़ लिया तब पाकिस्तान तो यही चाहता है कि जो बाइडन सत्ता में आएं।
कश्मीर मुद्दे को लेकर जो बाइडेन के चुनाव प्रचार में सामने आ चुके हैं भारत विरोधी बयान
कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत विरोधी बयान जो बाइडेन के चुनाव प्रचार में सामने आ चुके हैं। उनकी टीम ने मुस्लिम अमरीकियों के लिए प्रचार करते हुए कश्मीर के मुस्लिमों की तुलना बांग्लादेश के रोहिंग्या और चीन में उइगर मुसलमानों से की थी। सिर्फ बाइडन ही नहीं बल्कि उनकी डेप्युटी कमला हैरिस भी कश्मीर में दखल देने की बात कर चुकी हैं। पाकिस्तान भी यही चाहता है कि कश्मीर का मुद्दा अमेरिका भी उठाए और भारत पर दबाव बनाए। जाहिर है कि इसलिए भी जो बाइडन को लेकर पाक उम्मीद लगाए बैठा है।
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जो बाइडेन से मुस्लिम देशों के लिए उम्मीद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार पाकिस्तान को सार्वजनिक मंचों से लताड़ा है। जिससे पाकिस्तान खार खाए बैठा है। ट्रंप के 4 साल के कार्यकाल में अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध काफी बिगड़ गए है।
इस बारे में पाकिस्तानी विश्लेषक कहते हैं कि अगर ट्रंप दूसरे कार्यकाल के लिए आते हैं तो वो फिर आत्मविश्वास बढ़ने पर पाकिस्तान जैसे मुस्लिम बहुल देशों को निशाना बना सकते है। ट्रंप पहले ही मुस्लिम देशों से आने वाले नागरिकों के लिए नए कानून बना चुके हैं। इसलिए भी पाकिस्तान चाहता है कि जो बाइडन ही अमेरिका के नए राष्ट्रपति बनकर आए।