• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

पेगासस जासूसी कांड: पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जस्टिस की निगरानी में जांच की मांग

Desk by Desk
27/07/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, नई दिल्ली, राजनीति, राष्ट्रीय
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली. वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार ने पेगासस जासूसी कांड की स्वतंत्र जांच कराने की उच्चतम न्यायालय से गुहार लगायी है।

राम, कुमार और कुछ अन्य पत्रकारों ने न्यायालय से पेगासस मामले की वर्तमान न्यायाधीश या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच कराने की मांग करते हुए कहा है कि विपक्ष के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में प्रमुख हस्तियों की जासूसी की गयी है।

इस बैंक में करें 500 रुपए का निवेश, मिलेगा इतना बड़ा फायदा

इस संबंध में दायर याचिका में कहा गया है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल की सुरक्षा प्रयोगशाला में पीड़ितों के अनेक मोबाइल फोन के फोरेंसिक विश्लेषण में पेगासस की ओर से जासूसी किये जाने की पुष्टि की गयी है। इस मामले की जांच के लिए यह तीसरी याचिका दाखिल की गयी है।

याचिका में कहा गया है कि सैन्य-ग्रेड के स्पाईवेयर के माध्यम से की गयी इस जासूसी से स्वतंत्र संस्थाओं पर हमला किया गया है। यह हमारी महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक बुनियाद को अस्थिर करने का प्रयास है। इससे अनेक मौलिक अधिकारों को बौना किया गया है।

हंगामे के बीच ‘नौचालन के लिये सामुद्रिक सहायता विधेयक’ राज्यसभा से पारित

याचिका में मांग की गयी है कि वह केन्द्र सरकार को निर्देश दे कि वह यह खुलासा करें कि क्या सरकार या उसकी कोई अन्य एजेंसी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पेगासस से लाइसेंस लिया था और इसके स्पाईवेयर का जासूसी का किसी भी तरीके से इस्तेमाल किया गया है।

याचिका में कहा गया है जासूसी या फोन टेपिंग सिर्फ जनता की सुरक्षा और जन हित से जुड़े मसलों को लेकर आपात स्थिति में ही न्यायोचित ठहरायी जा सकती है। वर्तमान जासूसी मामले में इस तरह की कोई अनिवार्य स्थिति की जानकारी नहीं है। इस तरह की जासूसी पूरी तरह से गैर कानूनी है।

Tags: espionage ruckusisraeli pegasus softwarejournalistsJusticePegasus espionagePegasus espionage scandalPegasus ruckusSupreme Courtइजराइली पेगासस सॉफ्टवेयरजस्टिसजासूसी पर बवालपत्रकारोंपेगासस जासूसीपेगासस जासूसी कांडपेगासस पर बवालसुप्रीम कोर्ट
Previous Post

इस बैंक में करें 500 रुपए का निवेश, मिलेगा इतना बड़ा फायदा

Next Post

बसपा को लगा बड़ा झटका, चेयरमैन डॉ. नसीम अहमद ने थामा सपा का दामन

Desk

Desk

Related Posts

CM Yogi
उत्तर प्रदेश

हर नागरिक की सेवा, सुरक्षा और सम्मान सरकार की पहली प्राथमिकता: मुख्यमंत्री

23/06/2025
Anupama
Main Slider

‘Anupama’ के सेट पर लगी भीषण आग, जलकर खाक हुआ स्टूडियो

23/06/2025
Panchayat Election
Main Slider

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर लगायी रोक, जानिये वजह?

23/06/2025
Mob attack on former election chief commissioner Nurul Huda's house
Main Slider

पूर्व चुनाव मुख्य आयुक्त के घर पर भीड़ का हमला, जूतों और अंडों से मार कर किया बेइज्जत

23/06/2025
CM Dhami
राजनीति

केवल श्रम के साधक ही नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के पथ निर्माता भी हैं श्रमिक : धामी

22/06/2025
Next Post
Dr. Naseem Ahmed joined SP

बसपा को लगा बड़ा झटका, चेयरमैन डॉ. नसीम अहमद ने थामा सपा का दामन

यह भी पढ़ें

murder

मुरादाबाद : सैर पर निकले युवक पर जानलेवा हमला, जांच में जुटी पुलिस

22/09/2020
Arvind Kejriwal

SC ने केजरीवाल सरकार को लगाई फटकार, मांगा एड पर खर्च का ब्यौरा

03/07/2023

नेपाल के साथ हमारा रोटी-बेटी का संबंध है : सीएम धामी

04/04/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version