नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Wakf Amendment Bill) पर बुधवार को संसद की संयुक्त समिति (JPC) की बैठक हुई है। इस दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट 14 से 11 वोटों से पारित हो गई है। वहीं, संसदीय समिति के सदस्यों को अपनी असहमति प्रस्तुत करने के लिए आज शाम 4 बजे तक का समय दिया गया है। समिति में विपक्षी दलों ने अपने असहमति नोट जमा कर दिए हैं। कल रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपी जाएगी।
जेपीसी के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने बुधवार को बताया कि समिति ने वक्फ (संशोधन) विधेयक (Wakf Amendment Bill) मसौदा रिपोर्ट और प्रस्तावित कानून के संशोधित संस्करण को बहुमत से स्वीकार कर लिया है। पाल ने बताया कि 14 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि 11 ने इसका विरोध किया।
जेपीसी की बैठक पर कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा, ‘कई आपत्तियां और सुझाव आए थे जिन्हें इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। सरकार ने अपने अनुसार रिपोर्ट बनाई है। असंवैधानिक संशोधन लाए गए हैं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया गया है। अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए संशोधन लाए गए हैं।’
कांग्रेस सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद ने कहा, ‘जब एक निर्वाचित नेता खुद को शासक समझने लगता है, तो वह अपने अहंकार में ऐसे फैसले लेने लगता है।’
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बैठक से पहले कई विपक्षी सांसद अपने एजेंडे पर चर्चा करने के लिए मिले थे क्योंकि उनमें से कई समिति की सिफारिशों के खिलाफ अपनी असहमति की तैयारी कर रहे थे। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 (Wakf Amendment Bill) को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था।
विधेयक का उद्देश्य वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करना है, ताकि वक्फ संपत्तियों के रेगुलेटिंग और मैनेजिंग में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान किया जा सके।