जयपुर। भरतपुर जिले के मथुरा गेट थाने में रविवार को एक महिला ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया और उनके दो कर्मचारी अंशुल सोनी और राहुल कटारा के खिलाफ अपने 14 वर्षीय नाबालिग बेटे के साथ कुकर्म करने का मामला दर्ज कराया। इधर हाईकोर्ट ने आरोपित मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया को निलंबित कर दिया।
मथुरा गेट थानाधिकारी रामनाथ ने बताया कि रविवार को बच्चे को साथ लेकर उसकी मां थाने पहुंची और विशिष्ठ मजिस्ट्रेट भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जितेंद्र गुलिया, न्यायिक कर्मचारी अंशुल सोनी और राहुल कटारा को नामजद कर पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया है कि मजिस्ट्रेट बच्चे को डरा-धमका कर डेढ़ महीने से उसके साथ कुकर्म कर रहा था।
दो दिन पहले इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। इधर मामला दर्ज होने के बाद आरोपित मजिस्ट्रेट एवं दोनों कर्मचारी फरार हो गए है। पीड़िता का आरोप है कि आरोपित के अलावा ब्यूरो के कई पुलिसकर्मी घर आकर मामले को रफादफा करने का दवाब बना रहे है और मामले को रफादफा नही किया तो वह परिवार के लोगो को जेल में बंद करने की धमकी दे रहे हैं।
थाना अधिकारी ने बताया कि पीड़ित नाबालिग टेनिस खेलने के लिए डिस्ट्रिक्ट क्लब जाता था। जहां आरोपित मजिस्ट्रेट ने उससे जान पहचान बनाई और जान पहचान बढाने के बाद आरोपित मजिस्ट्रेट बच्चे को अपने घर ले जाने लगा। जहां उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिला यौन शोषण ब दुष्कर्म किया जाता था। मजिस्ट्रेट के साथ रहने वाले दो कर्मचारी अंशुल सोनी और राहुल कटारा ने भी उसके साथ कुकर्म किया है। इस बारे में पता चलने पर जब पीड़िता की मां ने विरोध किया तो मजिस्ट्रेट ने 30 तारीख को राहुल कटारा को बच्चे के घर भेजा।
राहुल कटारा ने माफी मांगते हुए कहा कि आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। कुछ देर बाद अंशुल सोनी भी बच्चे के घर पहुंच गया। उसने भी बच्चे की मां और बच्चे से माफ़ी मांगी। इसके बाद दोपहर में मजिस्ट्रेट गुलिया बच्चे के घर पहुंचे। उन्होंने भी बच्चे से माफ़ी मांगी और आगे से कुछ भी करने से मना किया। इस दौरान बच्चे के घरवालों ने मजिस्ट्रेट का माफी मांगते हुए वीडियो बना लिया, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। महिला ने बताया कि शाम को एसीबी के उच्च अधिकारी उनके घर पहुंचे और माफ़ी मांगने के बहाने उनके रिश्तेदारों को रंगदारी के मामले में फंसाने की प्लानिंग कर दी।
मथुरा गेट थाना अधिकारी रामनाथ ने बताया कि बच्चे की उम्र कम होने के कारण मामला पॉक्सो एक्ट में दर्ज किया गया है, जिसकी जांच सीओ सिटी सतीश वर्मा कर रहे हैं। महिला ने मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया और उनके दो साथियों पर कुकर्म के आरोप लगाए हैं।