प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ (Atiq-Ashraf Murder) की हत्या के तीनो आरोपियों की न्यायिक हिरासत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत ने सोमवार को 11 दिन के लिए और बढा दिया ।
शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शूटर मोहित उर्फ सनी सिंह, अरूण मौर्य तथा लवलेश तिवारी से और पूछताछ करने के लिए अदालत में पत्र प्रस्तुत किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एसआईटी की मांग मंजूर करते हुए तीनों आरोपियों को और 11 दिन की न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया।
अधिवक्ता अग्रहरि ने बताया कि मामले की सुनवाई 14 जुलाई को होगी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर प्रतापगढ़ जेल में बंद तीनो की पेशी वीडियो कान्फ्रेसिंग द्वारा हुई। तीनों हत्यारोपी प्रतापगढ़ जेल में ही न्यायिक अभिरक्षा में ही रहेंगे।
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को हुई हत्या में उमेश पाल मुख्य गवाह था। गवाही से हटने के लिए उमेश का 28 फरवरी 2006 में अतीक ने अपहरण करा लिया था। इस मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद, दिनेश पासी और अतीक के वकील खान सौलत हनीफ समेत को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई जबकि को छह अन्य को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था।
उमेश पाल की 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके साथ उसकी सुरक्षा में लगे दो सरकारी गनर भी मारे गये थे। इस मामले में भी अतीक, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसका भाई अशरफ, बेटा असद समेत लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
पुलिस ने अतीक और अशरफ (Atiq-Ashraf ) से हत्या के मामले में पूछताछ के लिए 13 अप्रैल को रिमांड पर लिया था। पुलिस की सुरक्षा में 15 अप्रैल को उन्हें रात करीब 10.30 बजे डेली रूटीन चेकिंग के लिए काल्विन अस्पताल ले जाया गया था जहां शूटर मोहित उर्फ सनी सिंह, अरूण मौर्य तथा लवलेश तिवारी ने मीडियाकर्मी के रूप में पहुंच कर गोलियों से भून दिया। दोनो की मौके पर ही मौत हो गयी।