पंचांग के अनुसार, चैत्र माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में भव्य कार्यक्रम के साथ रामचरितमानस का पाठ किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन अयोध्या के राजा दशरथ और माता कौशल्या के घर भगवान राम का जन्म हुआ था। मान्यता है कि इस दिन राम दरबार की पूजा और रामचरित मानस का पाठ करने से जीवन के विभिन्न परेशानियों से मुक्ति मिलती है। वहीं राम नवमी (Ram Navami) पर कुछ खास उपाय करने विवाह में आ रहा बाधाएं भी दूर होती हैं।
राम नवमी (Ram Navami) कब हैं?
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, राम नवमी 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।
राम नवमी (Ram Navami) शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, राम नवमी (Ram Navami) के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 8 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। ऐसे में भक्तों को पूजा के लिए कुल 2 घंटे 31 मिनट का समय मिलेगा।
राम नवमी (Ram Navami) के उपाय
>> यदि किसी व्यक्ति को विवाह में बार-बार रुकावट आ रही हैं, तो राम नवमी के दिन शाम के समय भगवान राम और माता सीता को हल्दी, चंदन तथा कुमकुम अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा मनपसंद जीवनसाथी की प्राप्ति भी हो सकती है।
>> घर में सुख-समृद्धि और धन लाभ के लिए राम नवमी के दिन राम दरबार की पूजा करें और घर के मुख्य द्वार पर 11 दीपक जलाएं।
>> बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए राम नवमी के दिन हनुमान जी की पूजा करें। इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने पुरानी तथा गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
>> संतान प्राप्ति के लिए राम नवमी के दिन एक लाल रंग का कपड़ा लें। उसमें एक नारियल लपेटकर माता सीता के चरणों में अर्पित करें। उसके बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को जल्द संतान सुख की प्राप्ति होती है।