नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा (Yashwant Verma) की याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस वर्मा ने जांच समिति की रिपोर्ट और तत्कालीन सीजेआई द्वारा उन्हे पद से हटाने की सिफारिश को चुनौती दी थी।
जस्टिस वर्मा (Yashwant Verma) ने याचिका में सीजेआई द्वारा उन्हें हटाने की सिफारिश को चुनौती दी थी। कोर्ट ने ये कहते हुए जस्टिस वर्मा की याचिका खारिज की कि जांच समिति ने तय प्रक्रियाओं का पालन किया है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए जी मसीह की पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति वर्मा (Yashwant Verma) का आचरण विश्वास पैदा नहीं करता और उनकी याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आंतरिक प्रक्रिया और तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश द्वारा नियुक्त न्यायाधीश समिति ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया और उन्हें हटाने की सिफारिश के साथ प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजना असंवैधानिक नहीं था।
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बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा (Yashwant Verma) द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आंतरिक जांच रिपोर्ट को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें आंतरिक जांच घोटाले में दोषी ठहराया गया था, और साथ ही तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने की सिफारिश को भी चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ, जिसने 30 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने आज (7 अगस्त) को फैसला सुनाया।









