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बेहद खास होगी ज्येष्ठ अमावस्या, एक साथ मनाए जाएंगे ये बड़े व्रत

Mahalaya Amavasya

Amavasya

अमावस्या पर्व हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा के लिए समर्पित होता है। इसके साथ ही गंगा स्नान, पितृ तर्पण, पितृ पूजा और पिंड दान आदि कार्य किए जाते हैं। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस बार ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya ) बहुत मानी जा रही है। 6 जून को ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya ) के साथ-साथ 5 त्योहार और व्रत भी मनाए जाएंगे।

ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya ) 

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जून को शाम 7 बजकर 54 मिनट पर हो रही है। यह तिथि की समाप्ति 06 जून को शाम 06:07 बजे होगी। इस तरह ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya ) 6 जून को मनाई जाने वाली है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन स्नान का समय सुबह 04:02 से 04:42 तक है।

रोहिणी व्रत

रोहिणी व्रत उस दिन मनाया जाता है, जब सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र पड़ता है। इस बार रोहिणी व्रत 6 जून को मनाया जाएगा। रोहिणी नक्षत्र हर महीने के 27वें दिन पड़ता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा करने से शुभ फल मिलते हैं।

वट सावित्री व्रत

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल की ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 5 जून को शाम 7.54 बजे शुरू होगी। यह तिथि 06 जून को शाम 06:07 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून 2024 को मनाया जाएगा।

गुरुवार का दिन

सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाए, तो हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही व्रत करने वालों को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

शनि जयंती

ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya )  तिथि रात 7.54 बजे शुरू होगी और अगले दिन 6 जून को शाम 6.07 बजे समाप्त होगी। ऐसे में शनि जयंती का पर्व 6 जून को मनाया जाएगा।

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