हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीना पूर्णिमा तिथि के साथ समाप्त होता है और उसके बाद हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना यानी ज्येष्ठ महीना (Jyeshtha Month) शुरू होता है। इस महीने में बहुत गर्मी होती है और तेज धूप के कारण नदियां और तालाब सूख जाते हैं। इसलिए ज्येष्ठ माह में जल का अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह में हनुमान जी, सूर्य देव और वरुण देव की पूजा करने की परंपरा है। ऐसे में आइए, जानते हैं ज्येष्ठ माह कब से शुरू हो रहा है और इसका धार्मिक महत्व क्या है।
कब से शुरू हो रहा है ज्येष्ठ माह (Jyeshtha Month) ?
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष ज्येष्ठ माह (Jyeshtha Month) 24 मई 2024 से प्रारंभ होकर 23 जून 2024 को समाप्त होगा। माना जाता है कि इस माह में जल दान करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन सुख-समृद्धि आती है।
धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में ही हनुमान जी भगवान श्रीराम से मिले थे, इसलिए इस माह के मंगलवार का व्रत करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
ज्येष्ठ माह (Jyeshtha Month) में करें ये कार्य
– ज्येष्ठ माह (Jyeshtha Month) में अत्यधिक गर्मी होने के कारण पानी की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में व्यक्ति को जल का संरक्षण करना चाहिए।
– इस माह दान का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जल की सेवा करने से व्यक्ति को अपने पितरों का आशीर्वाद मिलता है। देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
– ज्येष्ठ माह (Jyeshtha Month) में पशु-पक्षियों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। यह पुण्य में परिवर्तित होता है।