• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

आज किया जाएगा ज्येष्ठ गौरी पूजन, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

Writer D by Writer D
01/09/2025
in धर्म, फैशन/शैली
0
Jyestha Gauri Puja

Jyestha Gauri Puja

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

जहां एक तरफ पूरे देश में गणेशोत्सव की धूम है, वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के घर में गौरी का आगमन हो गया है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर ज्येष्ठ गौरी पूजन (Jyestha Gauri Puja) करने की परंपरा है। तीन दिवसीय यह त्योहार महाराष्ट्र के प्रमुख त्योहारों में से एक है। महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए गौरी पूजन कर व्रत रखती हैं। महाराष्ट्र में गौरी पूजन के पर्व को ज्येष्ठ गौरी पूजन कहा जाता है। इस बार गौरी पूजन (Jyestha Gauri Puja) आज यानी 1 सितंबर को किया जाएगा। वहीं, 2 सितंबर को गौरी विसर्जन के साथ यह पर्व समाप्त होगा।

तीन दिवसीय गौरी पूजन

ज्येष्ठ गौरी पूजन (Jyestha Gauri Puja) गणेश चतुर्थी के दो दिन बाद गौरी आह्वान के साथ शुरू होकर तीन दिनों तक चलता है। इस दिन महिलाएं माता गौरी की उपासना करती हैं और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं। ज्येष्ठ गौरी पूजन का पर्व विशेष रूप से मराठी समुदाय द्वारा यानी महाराष्ट्र और कर्नाटक में धूमधाम से मनाया जाता है। तीन दिवसीय इस पर्व में पहले दिन गौरी आह्वान किया जाता है, दूसरे दिन गौरी पूजन किया जाता है और तीसरे दिन गौरी विसर्जन करने की परंपरा है।

ज्येष्ठ गौरी पूजन (Jyestha Gauri Puja) 2025 शुभ मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक, ज्येष्ठ गौरी पूजन 1 सितंबर, सोमवार को किया जाएगा। माता गौरी पूजन का शुभ मुहूर्त 1 सितंबर को सुबह 5:39 मिनट से शाम 6:17 बजे तक रहेगा। इस 12 घंटे 38 मिनट की अवधि के दौरान आप गौरी पूजन कर सकते हैं।

ज्येष्ठ गौरी (Jyestha Gauri) विसर्जन कब है?

पंचांग के मुताबिक, गौरी पूजन के बाद अगले दिन 2 सितंबर को मूल नक्षत्र में गौरी विसर्जन किया जाएगा। 2 सितंबर को रात 9:51 बजे से 10:51 बजे तक गौरी का विसर्जन का शुभ मुहूर्त रहेगा। इसी दिन सात दिन तक विराजमान गणपति बप्पा का विसर्जन भी किया जाएगा।

गौरी पूजन (Jyestha Gauri Puja) का महत्व

ज्येष्ठ गौरी पूजन का पर्व महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है, जो गणेश उत्सव के दौरान आता है। यह पर्व ज्येष्ठ नक्षत्र के दौरान पड़ता है, इसलिए इसे ‘ज्येष्ठ गौरी व्रत’ के रूप में जाना जाता है। इसे खासतौर पर विवाहित महिलाएं मनाती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता गौरी इस दिन अपने मायके आती हैं और तीन दिनों तक घर में निवास करती हैं। यह पूजन मुख्य रूप से परिवार की सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए किया जाता है।

Tags: Jyestha Gauri Puja
Previous Post

कब है सातवें दिन का गणपति विसर्जन, जानें शुभ मुहूर्त

Next Post

महालक्ष्मी व्रत के दौरान पढ़ें यह कथा, घर से दूर हो जाएगी दरिद्रता

Writer D

Writer D

Related Posts

Besan Face Pack
Main Slider

बेसन के साथ मिलाकर चेहरे पर ना लगाएं ये चीजें, स्किन हो जाएगी बर्बाद

23/10/2025
फैशन/शैली

स्किन के लिए फायदेमंद है ये फूल, ऐसे बनाएं फेस पैक

23/10/2025
Khichu
Main Slider

हाउस पार्टी में ट्राई करें ये स्नैक्स, बनाना भी बेहद आसान

23/10/2025
Hair Cut
फैशन/शैली

इस तरह से चुने राइट हेयरकट, लगेंगी बेहद खूबसूरत

23/10/2025
Paneer Hyderabadi
खाना-खजाना

आज बनाएं पनीर की ये डिश, बढ़ जाएगा खाने का टेस्ट

23/10/2025
Next Post
Mahalaxmi Vrat

महालक्ष्मी व्रत के दौरान पढ़ें यह कथा, घर से दूर हो जाएगी दरिद्रता

यह भी पढ़ें

सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को किया ढेर

जम्मू-कश्मीरः अवंतीपुरा एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को किया ढेर

27/09/2020
Firing

स्कूल वैन पर बदमाशों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, दो मासूम बच्चों की मौत

22/08/2024
Chadi Mubarak

शंकराचार्य मंदिर पहुंची छड़ी मुबारक, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ पूजन

08/08/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version