जहां एक तरफ पूरे देश में गणेशोत्सव की धूम है, वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के घर में गौरी का आगमन हो गया है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर ज्येष्ठ गौरी पूजन (Jyestha Gauri Puja) करने की परंपरा है। तीन दिवसीय यह त्योहार महाराष्ट्र के प्रमुख त्योहारों में से एक है। महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए गौरी पूजन कर व्रत रखती हैं। महाराष्ट्र में गौरी पूजन के पर्व को ज्येष्ठ गौरी पूजन कहा जाता है। इस बार गौरी पूजन (Jyestha Gauri Puja) आज यानी 1 सितंबर को किया जाएगा। वहीं, 2 सितंबर को गौरी विसर्जन के साथ यह पर्व समाप्त होगा।
तीन दिवसीय गौरी पूजन
ज्येष्ठ गौरी पूजन (Jyestha Gauri Puja) गणेश चतुर्थी के दो दिन बाद गौरी आह्वान के साथ शुरू होकर तीन दिनों तक चलता है। इस दिन महिलाएं माता गौरी की उपासना करती हैं और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं। ज्येष्ठ गौरी पूजन का पर्व विशेष रूप से मराठी समुदाय द्वारा यानी महाराष्ट्र और कर्नाटक में धूमधाम से मनाया जाता है। तीन दिवसीय इस पर्व में पहले दिन गौरी आह्वान किया जाता है, दूसरे दिन गौरी पूजन किया जाता है और तीसरे दिन गौरी विसर्जन करने की परंपरा है।
ज्येष्ठ गौरी पूजन (Jyestha Gauri Puja) 2025 शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, ज्येष्ठ गौरी पूजन 1 सितंबर, सोमवार को किया जाएगा। माता गौरी पूजन का शुभ मुहूर्त 1 सितंबर को सुबह 5:39 मिनट से शाम 6:17 बजे तक रहेगा। इस 12 घंटे 38 मिनट की अवधि के दौरान आप गौरी पूजन कर सकते हैं।
ज्येष्ठ गौरी (Jyestha Gauri) विसर्जन कब है?
पंचांग के मुताबिक, गौरी पूजन के बाद अगले दिन 2 सितंबर को मूल नक्षत्र में गौरी विसर्जन किया जाएगा। 2 सितंबर को रात 9:51 बजे से 10:51 बजे तक गौरी का विसर्जन का शुभ मुहूर्त रहेगा। इसी दिन सात दिन तक विराजमान गणपति बप्पा का विसर्जन भी किया जाएगा।
गौरी पूजन (Jyestha Gauri Puja) का महत्व
ज्येष्ठ गौरी पूजन का पर्व महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है, जो गणेश उत्सव के दौरान आता है। यह पर्व ज्येष्ठ नक्षत्र के दौरान पड़ता है, इसलिए इसे ‘ज्येष्ठ गौरी व्रत’ के रूप में जाना जाता है। इसे खासतौर पर विवाहित महिलाएं मनाती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता गौरी इस दिन अपने मायके आती हैं और तीन दिनों तक घर में निवास करती हैं। यह पूजन मुख्य रूप से परिवार की सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए किया जाता है।