इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत जेल में बंद डॉक्टर कफ़ील ख़ान को ज़मानत दे दी है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कफ़ील ख़ान को नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) के तहत मथुरा की जेल में बंद किया गया था।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने फ़ैसले में कहा कि कफ़ील ख़ान को एनएसए के तहत गिरफ़्तार किया जाना ‘ग़ैरक़ानूनी’ है। अदालत ने डॉक्टर कफ़ील ख़ान को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। कफ़ील ख़ान पिछले छह महीने से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मथुरा जेल में बंद हैं।
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चार अगस्त को गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत कफ़ील खान को 13 फरवरी 2020 को अलीगढ़ ज़िला मजिस्ट्रेट के आदेश पर जेल में बंद किया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता पिछले काफ़ी वक्त से डॉक्टर कफ़ील ख़ान की रिहाई के लिए आवाज़ उठा रहे थे