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काल भैरव जयंती आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Kaal Bhairav jayanati

Kaal Bhairav

हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर काल भैरव जयंती मनाई जाती है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इसी दिन काल भैरव का अवतरण हुआ था। भगवान शिव के रौद्र रूप को काल भैरव कहा जाता है। इस साल 27 नवंबर, शनिवार को काल भैरव जयंती है। इस पावन दिन भगवान काल भैरव की पूजा- अर्चना करने से दुख- दर्द से मुक्ति मिलती और भय दूर होता है। आइए जानते हैं काल भैरव जयंती पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट-

मुहूर्त-

अष्टमी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 27, 2021 को 05:43 ए एम बजे

अष्टमी तिथि समाप्त – नवम्बर 28, 2021 को 06:00 ए एम बजे

महत्व…

इस पावन दिन भगवान भैरव की पूजा करने से सभी तरह के भय से मुक्ति मिल जाती है।

काल भैरव जयंती के दिन  व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

भैरव बाबा की कृपा से शत्रुओं से छुटकारा मिल जाता है।

पूजा- विधि…

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत रखें।

घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें।

भगवान भैरव की पूजा- अर्चना करें।

इस दिन भगवान शंकर की भी विधि- विधान से पूजा- अर्चना करें।

भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और गणेश भगवान की पूजा- अर्चना भी करें।

आरती करें और भगवान को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भोग-

भगवान भैरव  को  इमरती, जलेबी, उड़द, पान, नारियल का भोग लगाएं

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