धर्म डेस्क। शनिवार से नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ शक्ति स्वरूपों की पूजा की जाएगी। जिसकी तैयारी में हर कोई जोर-शोर से लगा हुआ है आश्विन माह से शरद ऋतु की शुरुआत होने लगती है, इसलिए आश्विन माह के इन नवरात्र को शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है। नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र 17 से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक चलेंगे।
नवरात्र के पहले दिन यानि प्रतिपदा के दिन देवी मां के निमित्त घट स्थापना की जाती हैं। मां को तरह-तरह के भोग चढ़ाए जाते हैं। विभिन्न तरह की पूजा सामग्री की जरूरत होती है। अगर आप भी अपने घर में मां दुर्गा के आगमन में लगे हुए हैं तो पूजा समग्री की पूरी लिस्ट देख लें। जिससे कि पूजा करते समय किसी परेशानी का सामना करना पड़े।
मिट्टी का कलश के साथ ढकने के लिए पराई जौ, साफ मिट्टी, रक्षा सूत्र, लौंग इलाइची, रोली, कपूर, आम के पत्ते, पान के पत्ते, साबुत सुपारी, अक्षत, नारियल, फूल, फल, चावल या फिर गेंहू, मिठाई, फल, मेवे, पूजा थाली, गंगाजल, नवग्रह पूजन आदि।
नवरात्रि के दिनों में माता के श्रृंगार का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसलिए इसकी सामग्री लाना बेहद जरूरी है। आप चाहे को 9 दिन रोज श्रृंगार कर सकते है। इसके अलावा आप नवरात्र के पहले दिन से लेकर अष्टमी के दिन तक पूजा से पहले देवी का श्रृंगार करें। इसके लिए लाल चुनरी के साथ लाल चूड़ियां, सिंदूर, कुमकुम, मेहंदी, आलता और बिंदी, शीशा, कंघी जैसे श्रृंगार शामिल हो। इसके साथ ही माता की तस्वीर रखने के लिए चौकी और बिछाने के लिए लाल रंग का कपड़ा रख लें।
पूजा का प्रसाद के लिए सामग्री
फूलदाना, मिठाई, मेवा, फल, इलायची, मखाना, लौंग, मिश्री आदि होनी चाहिए।
हवन के लिए सामग्री
हवन कुंड, रोजाना लौंग के 9 जोड़े, कपूर, सुपारी, गुग्गुल, लोबान, घी, पांच मेवा, चावल, आम की लकड़ी, धूप, लकड़ी, नौ ग्रह की लकड़ी आदि।