कालाष्टमी (Kalashtami) का व्रत हर माह रखा जाता है, जो भगवान भैरवनाथ को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कालाष्टमी को भैरवाष्टमी के नाम से जाना जाता है। दिसंबर में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी मनाई जाएगी। पंचांग अनुसार, पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि दिसम्बर 22 को दोपहर 02:31 बजे प्रारम्भ होगी, जिसका समापन दिसम्बर 23 की शाम 05:07 बजे होगा। दृक पंचांग के अनुसार, 22 दिसम्बर को दिसंबर की कालाष्टमी (Kalashtami) मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। आइए जानते हैं पौष कालाष्टमी शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूजन सामग्री की लिस्ट-
पूजा के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 05:21 से 06:16
प्रातः सन्ध्या- 05:48 से 07:10
अभिजित मुहूर्त- 11:59 से 12:41
विजय मुहूर्त- 14:03 से 14:44
गोधूलि मुहूर्त- 17:27 से 17:54
सायाह्न सन्ध्या- 17:30 से 18:52
अमृत काल- 01:04, दिसम्बर 23 से 02:52, दिसम्बर 23
निशिता मुहूर्त- 23:53 से 00:48, दिसम्बर 23
त्रिपुष्कर योग- 07:10 से 14:31
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
पौष कालाष्टमी (Kalashtami) पूजा-विधि
सुबह जल्दी उठें और स्नान कर लें
स्नान के बाद साफ-सफेद पहन लें
शिव भगवान का अभिषेक करें
घर के मंदिर में दीपक जलाएं
फिर शिव परिवार की विधिवत पूजा करें
आखिर में भगवान शिव की आरती करें
भोग लगाएं
ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें
अंत में क्षमा प्राथर्ना करें
पौष कालाष्टमी (Kalashtami) पूजन-सामग्री
फल
फूल
धतूरा
अक्षत
धूपबत्ती
गंगाजल
बिल्वपत्र
काला तिल
सफेद फूल
सफेद चंदन
घी का दीपक