लखनऊ। इस्लामिक कैलेंडर का नया साल यानी मुहर्रम का महीना 21 अगस्त से शुरू हो गया है। कोरोना के कहर को देखते हुए मुहर्रम के मौके पर इस बार ताजिया निकालने की इजाजत नहीं है। पुलिस द्वारा इसकी इजाजत न मिलने से शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी भड़क गए हैं।
मौलाना कल्बे जवाद ने लखनऊ पुलिस के प्रतिबंधों को मानने से इन्कार कर दिया है। इमामबाड़ा गुफरानमाब के केयरटेकर मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने पुलिस की गाइडलाइन को असंवैधानिक और अवैध बताया है। उन्होंने कहा कि मैं कोविड-19 को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मजलिस करूंगा। फिर भी पुलिस मुझे गिरफ्तार कर सकती है।
गाइडलाइन रद्द करने के लिए लखनऊ पुलिस को एक चिट्ठी लिखी
इस संबंध में उन्होंने लखनऊ पुलिस को एक चिट्ठी भी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने कहा कि यह डब्ल्यूएचओ, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कोविड-19 को लेकर जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ है। इस नई गाइडलाइन को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि कोविड-19 प्रोटोकॉल पहले से ही लागू है।
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मौलाना कल्बे जवाद बोले-ताजिया निर्माताओं को मिल रही है धमकी
उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर की सरकारें केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत इमामबाड़ा में मजलिस की इजाजत दे चुकी हैं। कल्बे जवाद समेत ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास और कई मौलवियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ताजिया निर्माताओं को धमकी दे रही है। उन्होंने कहा कि ताजिया बनाने वाले कई लोगों ने मुझसे शिकायत की है कि उन्हें इसे बेचने की अनुमति नहीं दी जा रही है। ये लोगों के अधिकारों और कानून के खिलाफ है।
बता दें कि कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बाद यूपी सरकार और कई अन्य राज्य सरकारों ने मुसलमानों को अपने घरों के अंदर मुहर्रम पर शोक मनाने के लिए कहा है। साथ ही सरकार ने ताजिया को बाहर निकालने की अनुमति भी नहीं दी है।