उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के सरायमीर में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया जब पड़ोसी की सूचना पर पहुंची पुलिस एक घर में तीन दिनों से बंद वृद्ध दंपति का हाल लेने पहुंची।
ताला तोड़कर देखा तो दोनों की दशा इतनी खराब थी कि वे अपने बिस्तर से भी उठ पाने में असमर्थ दिखे। पुलिस पारिवारिक मामला होने से वृद्ध दंपति के नाती को बुलाकर उसे देखरेख की जिम्मेदारी देते हुए वापस चली गई।
सरायमीर थाना क्षेत्र का एक व्यक्ति कस्बा में अपना घर बनवाकर परिवार के साथ रहता है। परिवार में पति-पत्नी के साथ ही उनके बच्चे भी हैं। इसके अलावा वृद्ध मां-बाप भी साथ ही रहते हैं। वृद्ध मां-बाप की उम्र 80-85 साल की है और दोनों बीमार होने के साथ ही बिस्तर पर पड़े हैं। दोनों की जो स्थिति है, उसमें तो बेटे को पास रहते हुए उनकी देख रेख करनी चाहिए थी, लेकिन ससुराल की चाह में बेटा बीमार मां-बाप को घर में बंद कर शनिवार को अपनी परिवार संग ससुराल रहने चला गया। जाते-जाते भांजे से यह कह गया कि कभी-कभार जा कर देख लेना।
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तीन दिनों से वृद्ध दंपति घर में बंद थे। सोमवार आसपास के कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर सरायमीर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ताला तोड़कर अंदर गई। वृद्ध दंपति बिस्तर पर पड़े थे। दोनों में इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वे बिस्तर से उठ सकें। इस पर पुलिस ने पहले बेटे को फोन कर तत्काल वापस लौटने को कहा। वहीं परिवार के अन्य व्यक्ति को बुला कर दोनों के देखरेख की जिम्मेदारी दी। ससुराल की चाह में जन्म देने वाले मां-बाप को घर में तीन दिनों से बंद करने वाले बेटे की इस कवायद पर स्थानीय लोगों के साथ ही रिश्तेदार भी खासे नाराज दिखाई दिए। पुलिस के पहुंचने पर लोगों की भीड़ जुट गई थी।
वृद्ध दंपति के एक रिश्तेदार ने उनके बेटे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने बताया कि अक्सर ही वृद्ध दंपति के साथ मारपीट की जाती है। इतना ही नहीं प्रायः दंपति को बेटा इसी तरह घर में बंद कर चले जाते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि घर में ताला बंद करने के साथ ही पूरे घर की बत्ती भी गुल कर देते हैं। वृद्ध दंपति अंधेरे में पड़े रहते हैं। न तो ठीक से भोजन ही इन्हें दिया जाता है न ही देखरेख की जाती है।
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अब पारिवारिक कारण चाहे जो भी रहा हो, स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी और घर का ताला तोड़ कर वृद्ध दंपति का हाल लिया। इसके साथ ही परिवार के अन्य लोगों को बुला कर उन्हें बेटे के ससुराल से वापस लौटने तक देखरेख करने की जिम्मेदारी दी गई है। बेटे को भी फोन पर तत्काल वापस लौट कर मां-बाप की देखरेख करने का निर्देश दिया गया है। – अनिल सिंह, इंस्पेक्टर सरायमीर।