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शराब-नॉन वेज का शौकीन ‘कलुआ’ महिलाओं को बनाता था निशाना, अब बंदर बना वेजिटेरियन

Kalua Monkey

Kalua Monkey

कानपुर। मिर्जापुर जिले में आतंक का पर्याय बना कलुआ बंदर (Kalua Monkey) कानपुर जू में उम्र कैद की सजा काट रहा है। हालांकि, कानपुर जू के कर्मचारी पिंजरे में बंद कलुआ की आदतों को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। जू के कर्मचारी कलुआ के खान पान को लेकर काफी चिंतित थे, क्योंकि तांत्रिक के पास पला यह बंदर शराब का शौकीन था और मांसाहार भोजन ही करता था। लेकिन पिछले छह सालों में डॉक्टरों ने उसके खान-पान में सुधार को लेकर काफी प्रयास किए, जिसका नतीजा यह निकला कि अब कलुआ शाकाहारी भोजन करने लगा है।

कानपुर जू के डॉक्टरों की माने तो कलुआ (Kalua Monkey) अब चने, फल और सब्जियां खा रहा है। लेकिन, अब भी कलुआ बंदर की कुछ आदतें ऐसी हैं, जिसे बदलने में जू प्रशासन नाकाम रहा है। जू के कर्मचारियों का कहना है कि आज भी आदतन कलुआ महिलाओं को देख उग्र हो जाता है और उन्हें पकड़ने की कोशिश करने लगता है।

साल 2016 में वन विभाग ने जंगल में छोड़ा था

मिर्जापुर के लोग बताते हैं कि साल 2016 में कलुआ को पकड़ कर वन विभाग के अफसर जंगल छोड़ आए थे। लेकिन एक साल के भीतर ही दोबारा मिर्जापुर में उसने इंट्री ले ली। उसने कुछ महीनो में ही 250 लोगों को काट डाला, जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चियां शामिल थीं। बताया जाता है कि बंदर के हमले में एक महिला की मौत भी हो गई थी।

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साल 2017 में कानपुर जू आया था

कानपुर जू के उप निदेशक अनुराग सिंह के मुताबिक, कलुआ अब शाकाहारी बनने की राह पर है। उसके स्वभाव को भी बदलने की कोशिश की जा रही है। 2017 में कानपुर जू में आए कलुआ को उसकी हरकतों की वजह से ‘उम्र कैद पिंजरे’ में डाल दिया गया था।

महिलाओं को सबसे ज्यादा करता था टारगेट

कलुआ महिलाओं को सबसे ज्यादा टारगेट करता था। वह तरह-तरह की आवाजें निकालता था। वह महिलाओं को नोंचकर उनके कपड़े फाड़ देता था। कलुआ एक तांत्रिक के पास पला-बढ़ा और बड़ा हुआ। इस वजह से उसका खान पान स्वभाव उग्र हो गया था। तांत्रिक की मौत के बाद जब वह आजाद हुआ तो उसने मिर्जापुर में अपना आतंक मचाना शुरू कर दिया। जू प्रशासन की माने तो कलुआ की आदतें बदलीं तो उसकी उम्र कैद की सजा को माफ भी किया जा सकता है।

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