कानपुर। कानपुर जिले में बर्ड फ्लू का पहला केस सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इसके बाद जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। कानपुर के जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने बताया कि पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद पूरे जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
जिला प्रशासन ने सभी चिकन तथा अंडे की दुकानों को अगले आदेश तक बंद रखने के लिए कहा है। साथ ही मुर्गे-मुर्गियों तथा नॉन प्रोसेस्ड कुक्कुट मांस की खेप के कानपुर जिले की सीमा में दाखिले पर एहतियातन पाबंदी लगा दी गई है।
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जिलाधिकारी ने बताया कि कानपुर चिड़ियाघर के 10 किलोमीटर के दायरे की अनिश्चित काल तक घेराबंदी करने का फैसला किया गया है। बर्ड फ्लू के लिए भी बचाव का वही प्रोटोकॉल लागू किया गया है जो कोविड-19 के लिए है। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू को और अधिक फैलने से रोकने के लिए जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
बता दें कि 4 दिन पहले कानपुर चिड़ियाघर में चार जंगली मुर्गियों और चार हीरामन तोतों की मौत हो गई थी। यह सभी पिंजरे में बंद पक्षी थे। इन्हीं में से मृत मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके अलावा सोनभद्र, बाराबंकी, अयोध्या और झांसी में कौवे मृत पाए गए थे। इनका सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजा गया है।
इसकी रिपोर्ट आने में एक-दो दिन का समय लग सकता है। जिस तरह से राज्य दर राज्य बर्ड फ्लू अपने पैर पसार रहा है, उसे देखते हुए पहले ही यूपी सरकार ने बचाव के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। चिड़ियाघरों में मांसाहारी जानवरों के खाने के लिए लाई जाने वाली मुर्गियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही अलग-अलग जगहों से चिड़ियों की बीट और उनके रिहायश की मिट्टी को जांच के लिए भेजा जा रहा है।