योगी सरकार ने राजधानी लखनऊ से कानपुर के बीच प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दिया जाएगा। कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राज्य सरकार से मंजूरी मांगी थी, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार कर लिया है। शीघ्र ही इस बाबत राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र भारत सरकार को भेज दी जाएगी।
बता दें कि कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कराने हेतु परियोजना का डीपीआर का कार्य मैसर्स इजिस (इंडिया) कन्सल्टिंग इंजीनियर्स प्रा.लि. द्वारा किया जा रहा है जिसकी कुल लम्बाई 63 किमी है। उक्त परियोजना का संरेखण भी निश्चित किया जा चुका है।
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करीब 4700 करोड़ रुपये की लागत वाला एक्सप्रेस-वे उन्नाव के 31 और लखनऊ के 11 गांवों से होकर गुजरेगा। उन्नाव के गांवों में 440 हेक्टेअर और लखनऊ के गांवों की 20 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण करना होगा। छह फ्लाईओवर और 28 छोटे पुल भी बनेंगे।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण में दो इंटरचेंज (लूप) का भी निर्माण होगा। इसके साथ ही छह फ्लाइओवर और एक रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण करवाया जाएगा। 38 अंडरपास के साथ ही तीन बड़े पुल भी एक्सप्रेस-वे का हिस्सा होंगे। इसके अलावा 28 छोटे पुल का भी निर्माण होगा।
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राजधानी से कानपुर के बीच प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे बनेगा छह लेन मगर, भविष्य में ट्रैफिक बढ़ने पर उसे आठ लेन किया जा सकेगा. इसके लिए 62.755 किमी। एलिवेटेड रोड पर पड़ने वाली 450 हेक्टेयर जमीन अधिगृहित की जा रही है। एवज में 900 करोड़ रुपये मुआवजा बंटेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने काम शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है. प्राधिकरण ने रूट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। प्रोजेक्ट पर कुल खर्च 4733.60 करोड़ रुपये होगा।