कानपुर-इटावा हाइवे पर हुए भीषण सड़क हादसे में एक साथ जान गंवाने वाले दो गांवों के 18 शवों का बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया गया। बिठूर के गंगा घाट पर एक साथ ही अंतिम दाह संस्कार किया गया। इनमें चार शवों को परम्परा के तहत गहरे गड्डे में दफनाकर गया। इस दौरान आईजी परिक्षेत्र व जिलाधिकारी के साथ अन्य अफसरों भी इस दौरान मौजूद रहें। वहीं मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख की मुआवजे की चेक देकर विधायक ने ढांढस बंधाया।
सचेंडी के किसान नगर के पास हाइवे पर मंगलवार की रात सड़क हादसे में टैम्पो सवार 21 कामगारों में 17 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि एक युवक ने हैलट अस्पताल में बुधवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सभी शवों को प्रशासन ने पोस्टमार्टम कराया और एम्बुलेंस से गांव लेकर पहुंचे। एक साथ 18 लोगों के शव गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। मृतकों के परिजनों के साथ ग्रामीणों ने घटना को लेकर गुस्सा जाहिर किया। इस दौरान 10 लाख मुआवजा राशि दिए जाने की मांग ग्रामीण करने लगे।
मौके पर मौजूद प्रशासनिक व पुलिस के अफसरों ने सभी को शांत कराते हुए कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। साथ ही प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा घोषित क्रमश: दो-दो लाख रुपये समेत प्रत्येक मृतक के परिजनों को कुल चार लाख की मुआवजा दिए जाने की बात कही। अफसरों ने शासन स्तरीय अन्य लाभ भी दिलाए जाने के आश्वासन दिया, जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए। इसके बाद शवों को भारी पुलिस बल के साथ एक ही स्थान पर अंतिम दाह संस्कार कराए जाने का प्रशासन ने निर्णय लिया।
बिठूर के गंगा घाट पर सभी का हुआ अंतिम संस्कार
पुलिस की करीब 10 थानों का पुलिस के साथ सभी शवों को बिठूर के गंगा घाट लाया गया। यहां पर आईजी मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी आलोक तिवारी, एडीएम सिटी अतुल श्रीवास्तव सहित एसडीएम मौजूद रहें। परिजनों से वार्ता के बाद 18 शवों में 11 का अंतिम दाह संस्कार किया गया जबकि शेष के शवों को उनके परिवार की रीति के तहत भूमि में जेसीबी से गहना गड्डा खोदकर दफनाया गया। इस दौरान प्रशासन द्वारा ही दाह संस्कार के लिए लकड़ी व अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। अंतिम संस्कार के दौरान घाट पर एक दर्जन से अधिक थानों का पुलिस बल व अन्य अधिकारी मौजूद रहें।
विधायक ने दिए मुआवजे के चेक
सचेंडी हाइवे में मृतकों के परिवारीजनों को शासन स्तर दी जाने वाली मद्द के चेक उपलब्ध कराए। मृतकों के परिजनों को मुआवजे की चेक विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने सौंपे। इस दौरान गहरे सदमें की पीड़ा को लेकर विधायक ने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए अन्य सरकारी मद्द दिए जाने की बात कही।
मौत तक साथ निभाया गांव का रिश्ता
सचेंडी हाइवे में हुए दर्दनाक हादसे में लालेपुर व इसरीगंज गांव के 21 लोग शिकार हुए। इनमें 18 लोगों की मौत हो गई। यह सभी रोजना एक साथ टैम्पो में बैठकर एक ही बिस्किट फैक्ट्री में काम करने के लिए जाते थे और फिर साथ आते थे। दुर्घटना के दौरान भी सभी साथ थे और बुधवार को जब मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया तो वह भी एक ही स्थान पर बिठूर के गंगा घाट किनारे प्रशासन व पुलिस ने पूरे विधि-विधान से सम्पन्न कराया।