कानपुर। कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) के मुख्य फाइनेंसर मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार बाबा (Mukhtar Baba) को गुरुवार देर शाम कानपुर जेल से रिहा कर दिया गया। हाईकोर्ट ने 8 दिसंबर को ही जमानत दे दी थी। 2 जमानदार और अन्य लिखापढ़ी करने में 7 दिन का वक्त लगने के बाद मुख्तार को जेल से रिहा कर दिया गया।
कानपुर में 3 जून को नई सड़क पर बड़े पैमाने पर हिंसा (Kanpur Violence) की गई। इसमें दर्जनों लोग घायल भी हुए थे। इस हिंसा के मुख्य फाइनेंसर के तौर पर मुख्तार बाबा (Mukhtar Baba)का नाम सामने आया था। पुलिस ने 22 जून 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बेकनगंज थाने में मुख्तार बाबा के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में एक और एफआईआर दर्ज कराई गई, जिसमें गैंग लीडर बिल्डर हाजी वसी को दर्शाया गया था।
3 मामलों में भी मिल चुकी है बेल
मुख्तार बाबा के वकील अफजल ने बताया कि हिंसा से जुड़ी तीन एफआईआर में पहले ही बाबा की बेल होकर रिहाई परवाना आ चुका था। गैंगस्टर मामले में सुनवाई चल रही थी और उसमें भी बेल मिल गई। वकीलों ने बताया कि लगाए गए आरोपों को पुलिस कोर्ट में साबित नहीं कर पा रही है।
पुलिस नहीं पेश कर सकी ठोस सबूत
मुख्तार बाबा के वकील अफजल ने बताया कि हाईकोर्ट में मुख्तार बाबा की तरफ से एडवोकेट मनीष टंडन और सत्यधीर सिंह जादौन ने बहस की थी। वकीलों ने कोर्ट के सामने तर्क रखा था कि बेकनगंज थाने में मुख्तार बाबा के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में की गई कार्रवाई गलत है। गैंगचार्ट में एक ही आपराधिक मामला दर्शाया गया है। इधर, पुलिस अपनी तरफ से और कोई मजबूत सबूत पेश नहीं कर सकी, जिसके बाद मुख्तार बाबा को कोर्ट से जमानत मिल गई।
हिंसा की आड़ में हाता खाली कराना चाहता था
मुख्तार बाबा पूरे शहर में बाबा बिरयानी (Baba Biryani) के नाम से पूरे शहर में कारोबार करता था। उसके लगभग 6 रेस्टोरेंट शहर में संचालित थे। खाद्य सुरक्षा विभाग सभी रेस्टोरेंट में छापेमारी कर सील कर चुका है। बेकनगंज स्थित बाबा स्वीट्स अब भी संचालित हैं। मुख्तार बाबा ने ही हिंसा की आड़ में नई सड़क स्थित हिंदुओं के चंद्रेश्वर हाता को खाली करने का प्लान बनाया था। हिंसा की शुरुआत भी हाते पर पत्थरबाजी कर की गई थी।