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आज मनाई जाएगी कन्या संक्रांति, सूर्य को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

Kanya Sankranti

Kanya Sankranti

हिंदू ज्योतिष में सूर्यदेव को सभी ग्रहों का स्वामी माना गया है और सूर्यदेव जब भी राशि परिवर्तन करते हैं तो इसे संक्रांति पर्व (Sankranti) कहा जाता है। इस प्रकार हर साल 12 राशियों के हिसाब से 12 संक्रांति मनाई जाती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, 17 सितंबर को कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti)  का पर्व मनाया जाएगा।

कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti) पर भी दान का महत्व

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, सभी संक्रांतियों पर दान, धर्म का कार्य करना शुभ होता है और इससे जातक से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti)  पर भी लोग गरीबों को दान देते हैं। वहीं पूर्वजों की आत्मिक शांति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।

पवित्र नदियों में करें स्नान

संक्रांति पर्व (Sankranti) पर पवित्र नदियों या जलाशयों में स्नान का भी काफी महत्व बताया गया है। कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा का भी पूजन किया जाता है। यह खासतौर पर बंगाल और उड़ीसा में किया जाता है।

हिंदू ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक, भादो मास में सूर्य देव सिंह राशि में थे और अब 17 सितंबर को कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इस वक्त को संक्रमण काल कहा जाता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, संक्रांति अपने आप में परिपूर्ण होती है। इस दिन पूजा-पाठ और दान-दक्षिणा जरूर करना चाहिए।

सूर्य को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

– रविवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और इसके सूर्य देवता को अर्घ्य दें।
– ‘ओम सूर्याय नमः ओम वासुदेवाय नमः ओम आदित्य नमः’ मंत्र का जाप करें।
– सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
– सूर्य देव को फूल, रोली, अक्षत और मिश्री अर्पित करना चाहिए।
– रविवार के दिन माथे पर चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
– रविवार के दिन लाल रंग का कपड़ा धारण करना चाहिए।
– रविवार को घर के दरवाजे पर देसी घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
– रविवार को गुड़, दूध, चावल और कपड़े का दान करें।
– रविवार को बरगद के पेड़ से टूटे पत्ते पर अपनी मनोकामना लिखकर बहते जल में प्रवाहित कर दें।

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