नई दिल्ली। कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर छिड़ी बहस के बीच सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की आभासी बैठक जारी है। बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद के छोड़ने की पेशकश की है। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने उनसे पद पर बने रहने को कहा है। इसके अलावा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नेतृत्व को लेकर 23 नेताओं द्वारा सोनिया को भेजी गई चिट्ठी को भाजपा के साथ मिलीभगत करार दिया है। जिसपर पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने विरोध जताया है। इसपर पार्टी प्रवक्ता सुरजेवाला ने सफाई दी है। वहीं एके एंटनी ने राहुल गांधी से पार्टी की कमान संभालने का अनुरोध किया है।
Rahul Gandhi says this (writing a letter to Sonia Gandhi for reforms in party leadership) was done in collusion with BJP: Sources https://t.co/M1qhTbrWR3
— ANI (@ANI) August 24, 2020
राहुल गांधी ने नेतृत्व में बदलाव को लेकर पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए इसे भाजपा के साथ मिलीभगत करार दिया। जिसपर सिब्बल और आजाद जैसे वरिष्ठ नेताओं ने विरोध जताया। अब इसपर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, ‘श्री राहुल गांधी की बात का वो मतलब नहीं था और न ही उन्होंने ऐसा कहा। कृपया झूठे मीडिया बातचीत या गलत सूचना के प्रसार से भ्रमित न हों। लेकिन हां, हम सभी को एक साथ मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ लड़ना है न कि एक-दूसरे को चोट पहुंचाने या कांग्रेस के खिलाफ।’ पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि यदि राहुल गांधी का भाजपा के साथ मिलीभगत वाला बयान साबित हो जाता है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
Rahul Gandhi, during CWC meeting, says the letter (to Sonia Gandhi about party leadership) was written at a time when Congress government in Rajasthan was facing a crisis, the right place to discuss what was written in the letter was CWC meeting and not the media: Sources https://t.co/w47zre3MfE
— ANI (@ANI) August 24, 2020
बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा भाजपा के साथ मिलीभगत की वजह से किया गया। इसपर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने जवाब देते हुए कहा, ‘राहुल गांधी का कहना है कि हम भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का बचाव किया। भाजपा सरकार को गिराने के लिए मणिपुर में पार्टी का बचाव किया। पिछले 30 सालों ने कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा से मिले हो सकते हैं।’
राहुल गांधी के अलावा कई और नेताओं ने भी पत्र लिखने की टाइमिंग पर उठे सवाल
सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी बैठक के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि पत्र (पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी) को उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो कुछ लिखा गया है उसपर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक था न कि मीडिया।