नई दिल्ली। कांग्रेस में आंतरिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के मौजूदा हालात से खफा वरिष्ठ नेताओँ ने इसे लेकर फिर सवाल खड़े किए हैं। बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इसे लेकर जल्द कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की मांग की है। साथ ही, सिब्बल ने सवाल उठाया कि पार्टी में अध्यक्ष भी नहीं है। जब अध्यक्ष ही नहीं है तो फैसले कौन ले रहा है।
सिब्बल ने जताई नाराजगी
अपनी नाराजगी को जाहिर करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, कि लोगों के कांग्रेस छोड़ने पर खुद से सवाल है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद पार्टी छोड़कर चले गए। लोगों का पार्टी से जाना बंद नहीं हुआ तो पार्टी का भारी नुकसान होगा। मैं पार्टी का नुकसान होते नहीं देख सकता। मैं पार्टी के साथ हूं, किसी व्यक्ति के साथ नहीं।
उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी में चर्चा हो कि ऐसा क्यों हो रहा है। सोचना होगा कि कांग्रेस कैसे आगे बढ़े। पार्टी के अंदर संवाद की जरूरत है। आपसी बातचीत से मामले सुलझाए जाएं।
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सिब्बल ने कहा कि, मैंने कभी पार्टी के खिलाफ बयान नहीं दिया। उन्होंने मजबूत विपक्ष की बात उठाते हुए कहा कि कांग्रेस को मजबूत होना होगा। अगर कांग्रेस कमजोर होगी तो विपक्ष भी कमजोर होगा। हम संसद में अपनी आवाज कैसे उठाएंगे।
जी-23 नेताओं के बारे में सिब्बल ने कहा कि, हम उनमें से नहीं हैं जो पार्टी छोड़कर कहीं चले जाएंगे। हम मजबूत हैं। जो लोग पार्टी नेतृत्व के करीब थे उन्होंने ही पार्टी छोड़ी है और जिन्हें करीबी नहीं समझा जाता है वे अब भी उनके साथ डटे हुए हैं।
पंजाब पर जताई चिंता
सिब्बल ने पंजाब में सियासी अस्थिरता को लेकर भी चिंता जताई। एक सीमावर्ती राज्य में ऐसा होना ठीक नहीं है। इससे पाकिस्तान और आईएसआई को फायदा मिलता है। हम पंजाब का इतिहास जानते हैं और अतिवादियों का उदय भी देख चुके हैं। कांग्रेस को एकजुट रहने की जरूरत है।