बेंगलरु. बी एस येदियुरप्पा के सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य प्रभारी अरुण सिंह के नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए मंगलवार को बेंगलुरु जा रहे है। सिंह ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि पार्टी का संसदीय बोर्ड फैसला करेगा कि येदियुरप्पा की जगह कौन मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने कहा,“ नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए पार्टी का संसदीय बोर्ड फैसला लेगा।”
इससे पहले येदियुरप्पा ने कहा कि वह अपने किसी भी नाम का प्रस्ताव नहीं रखेंगे और यह केन्द्रीय नेतृत्व पर फैसले पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा, “ मैं किसी के नाम का प्रस्ताव नहीं करूंगा। केंद्रीय नेतृत्व जिसे भी नया मुख्यमंत्री बनाएगा, हम सब मिलकर काम करेंगे और अगले चुनाव में पार्टी को फिर से सत्ता में लाएंगे।”
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गौरतलब है कि वोक्कालिगा, लिंगायत और ब्राह्मण समुदाय के कुछ नेताओं के नाम मुख्यमंत्री के लिए चर्चा में हैं। राज्य के खनन और भू-विज्ञान मंत्री मुरुगेश निरानी, सी टी रवि, अरविंद बेलाड, गृह मंत्री बसवराज बोम्मई, बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, सी एन अश्वत नारायण और प्रह्लाद जोशी का नाम भी मुख्यमंत्री की दौड़ में है।
निरानी पंचमसाली समुदाय से हैं जबकि बोम्मई लिंगायत समुदाय से आते हैं। निरानी भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह के खास हैं और उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी समर्थन प्राप्त है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत को इस्तीफा देने के बाद येदियुरप्पा ने राज्य के लोगों को उनकी सेवा करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया।
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मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “ पिछले दो वर्षों से राज्य की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने का फैसला किया है। मुझे उनकी सेवा का अवसर देने के लिए मैं विनम्र और राज्य के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।”
इस बीच, राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। गहलोत ने प्रेस को जारी अधिसूचना में कहा, “ भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैंने (कर्नाटक का राज्यपाल थावरचंद गहलोत) मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा का इस्तीफा स्वीकार किया है और उनके नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद् को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। येदियुरप्पा जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक मुख्यमंत्री के तौर पर कार्य करते रहेंगे।”
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इस बीच, येदियुरप्पा के समर्थकों ने उनके इस्तीफे के बाद शिवमोगा जिले के उनके गृहनगर शिकारीपुरा में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए। इससे पहले सुबह येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफे का पत्र राजभवन पहुंचकर राज्यपाल गहलोत को सौंपा था।
उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी इच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं और उन पर केन्द्रीय नेतृत्व को कोई दवाब नहीं है। उन्होंने कहा,“ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का उन पर कोई दबाव नहीं था। यह मेरा अपना फैसला है। मैंने यह फैसला दूसरे को मुख्यमंत्री बनने का मौका देने के लिए लिया है। मैं एक बार फिर राज्य की जनता को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का मौका दिया।”
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येदियुरप्पा ने यह भी कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने और पार्टी को सत्ता में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जब उनसे पूछा गया कि आपका उत्तराधिकारी कौन होगा तो उन्होंने कहा कि नए मुख्यमंत्री के लिए फैसला केन्द्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया गया है।