काठमांडू। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में दो फाड़ रोकने के लिए रविवार को चीन का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल काठमांडू पहुंच गया। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उप मंत्री गुओ येओओ के नेतृत्व में आए इस प्रतिनिधिमंडल के एजेंडे के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। उपमंत्री गुओ दोनों गुटों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। दरअसल, नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता की शुरुआत उस समय हुई जब चीन समर्थक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ से मतभेदों के बाद पिछले सप्ताह संसद भंग करने की सिफारिश की थी।
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राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उसी दिन सदन को भंग कर दिया और नए चुनावों की तिथियां घोषित कर दी। इस बीच काठमांडू स्थित चीनी दूतावास और विदेश मंत्रालय ने गुओ येओओ की यात्रा के बारे में बिल्कुल चुप्पी साध रखी है। मई में जब ओली पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ा तो राजदूत होउ ने एनसीपी के दूसरे बड़े नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें की थीं। जुलाई में भी ओली सरकार को बचाने के लिए चीनी राजदूत ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, प्रचंड, माधव कुमार नेपाल सहित कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी।
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हालांकि सत्तारूढ़ एनसीपी से जुड़े नेताओं के मुताबिक चीनी नेताओं की यात्रा का मुख्य उद्देश्य ना केवल संसद भंग किए जाने के पैदा हुई राजनीतिक स्थिति का जायजा लेना है बल्कि पार्टी में दो फाड़ रोकना भी है। यह पहली बार नहीं है कि जब चीन ने नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया है। बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में नेपाल स्थित चीनी राजदूत होउ यांकी ने सत्तारूढ़ एनसीपी के दोनों धड़ों के नेताओं से मुलाकात की और उन्हें गुओ की काठमांडू यात्रा के बारे में बताया था।