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पत्नी की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है अशून्य शयन व्रत, जानें सही तिथि और पूजा विधि

Utpanna Ekadashii

Utpanna Ekadashi

जल्द ही चातुर्मास शुरू होने वाला है। इन चार महीनों में हर महीने कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को अशून्य शयन व्रत (Ashunya Shayan Vrat) रखा जाता है। इस व्रत की शुरुआत सावन माह से होती है। भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को यह व्रत करने की परंपरा है। जिस तरह महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। उसी तरह अशून्य शयन (Ashunya Shayan Vrat) का व्रत महिलाओं की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि जो पुरुष इस व्रत को करते हैं, उनकी पत्नियों को लंबी उम्र आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत का जिक्र कई पुराणों में मिलता है।

कब रखा जाएगा अशून्य शयन व्रत (Ashunya Shayan Vrat)

हेमाद्रि और निर्णयसिन्धु में उल्लेख है कि अशून्य शयन द्वितीया (Ashunya Shayan Vrat) का व्रत करने से दांपत्य जीवन में आत्मविश्वास आता है। इससे जीवन हमेशा सुखी बना रहता है, साथ ही खुशियां आती हैं। साल 2024 में अशून्य शयन व्रत (Ashunya Shayan Vrat) 22 जुलाई, सोमवार को रखा जाएगा।

इस तरह करें व्रत

शाम को चंद्रमा निकलने पर चंद्रमा को जल में चावल, दही और फल डालकर अर्घ्य दें। तृतीया के दिन किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और उसका आशीर्वाद लें। उसे मीठा फल दें। इस व्रत को करने से आपका दांपत्य जीवन हमेशा सुख-समृद्धि से भरा रहता है। इतना ही नहीं, पत्नी की आयु भी लंबी होती है।

अशून्य शयन व्रत (Ashunya Shayan Vrat) महत्व

यह व्रत पुरुषों द्वारा किया जाता है। इस व्रत को करने से पति-पत्नी का जीवन भर साथ रहता है और रिश्ते मजबूत होते हैं। अशून्य शयन द्वितीया का अर्थ है – बिस्तर पर अकेले न सोना। जिस तरह महिलाएं अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं, उसी तरह पुरुषों को भी अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, पति-पत्नी के रिश्ते मधुर बने रहें, इसके लिए अशून्य शयन द्वितीया का यह व्रत (Ashunya Shayan Vrat) बहुत महत्वपूर्ण है।

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