सुहागिन महिलाओं के लिए आने वाली 1 नवम्बर को करवा चौथ (Karwa Chauth) के रूप में पावन पर्व आने वाला हैं। सुहागिन महिलाओं द्वारा यह व्रत अपने पति की लंबी उम्र और उनके सुखी वैवाहिक जीवन के लिए किया जाता हैं। कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर साल यह पावन पर्व मनाया जाता हैं। लेकिन व्रत के दौरान कुछ वास्तु नियमों का भी ध्यान रखने की जरूरत होती हैं जिससे इसका शुभ प्रभाव आपके जीवन पर पड़े और घर-परिवार में भी सुख-शांति बनी रहे। तो आइये जानते हैं इन वास्तु टिप्स के बारे में।
– सरगी अर्थात व्रत के समय का खाना खाते समय दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें। जिससे आपको सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी, जो व्रत में आपके लिए मददगार साबित होगी।
– करवा चौथ (Karwa Chauth) को दोपहर का समय दक्षिण-पूर्व दिशा में बिताना सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस समय इस दिशा का तत्व अग्नि होता है इसलिए यह समय अपने परिवार और दोस्तों के साथ बिताएं।
– कथा के बाद शेष समय अपने पति के साथ दक्षिण पश्चिम दिशा में समय बिताएं। इससे आप और आपके पति के संबंधों में प्यार बढ़ेगा।
– करवा चौथ (Karwa Chauth) के व्रत के समय जब चंद्रमा को जल चढ़ाए तो ध्यान रखें कि आपकी दिशा उत्तर-पश्चिम हो।
– करवा चौथ (Karwa Chauth) की पूजा करते समय आपका मुंह उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर हो तो इससे पूजा और व्रत दोनों का ही फल जरूर मिलता है।
– करवा चौथ (Karwa Chauth) की पूजा के लिए घर में बने मंदिर या हॉल का ही प्रयोग करें।