लाइफस्टाइल डेस्क। इस समय मानसून का सीजन चल रहा है और इस सीजन में बीमारियों का खतरा अधिक रहता है। मानसून के मौसम में फूड पॉइजनिंग का खतरा भी अधिक रहता है। इस मौसम में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। फूड पॉइजनिंग को गैस्ट्रोएंट्राइटिस के नाम से भी जाना जाता है। आज हम आपको बताएंगे फूड पॉइजनिंग से बचाव के लिए किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए और साथ ही फूड पॉइजनिंग के लक्षण और उपचार भी बताएंगे।
फूड पॉइजनिंग के लक्षण
फूड पॉइजनिंग मानसून के मौसम में होने वाली आम समस्या है। इसके प्रमुख लक्षण हैं…
- पेट में दर्द
- पेट में मरोड़
- जी मिचलाना
- लूज मोशन
फूड पॉइजनिंग से बचाव कैसे करें…
- ज्यादा तेल-मसाले और नॅानवेज भोजन के सेवन से परहेज करें।
- घर में साफ- सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- साफ और स्वच्छ पानी का सेवन करें।
- फलों और सलाद को काटकर ज्यादा समय के लिए न छोड़े। ऐसा करने से उनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। बेहतर है कि आप जिस समय फल और सलाद का सेवन करें उसी समय फल और सलाद को काटें।
फूड पॉइजनिंग का उपचार
फूड पॉइजनिंग के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है। फूड पॅाइजनिंग की समस्या होने पर सबसे पहले ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्युशन) को साफ पानी में मिलाकर इसका सेवन करें। अगर इससे आपको राहत नहीं मिलती है तो डॅाक्टर से सलाह अवश्य लें।
फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए इन बातों का रखें विशेष ध्यान..
- अपने हाथ-पैरों को अच्छे से साबुन से धोएं। कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए भी हाथ-पैरों को अच्छे से साबुन से धोने की सलाह दी जा रही है।
- घर में वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखें।
- किचन और बाथरुम की सफाई के दौरान संक्रमणरोधी क्लीनर का उपयोग करें।