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Ganeshotsav: गणेश मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान, छप्पड़ फाड़ बरसेगी कृपा

Ganesh

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भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (7 सितंबर 2024) को दस दिन के लिए घर-घर में श्रीगणेश (Ganesh) को विराजित किया जाएगा। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की कामना के लिए आठों प्रहर सेवा की जाएगी। वैसे तो श्रीजी शुभता का प्रतीक हैं। इसके बाद भी मान्यता है कि प्रथम पूज्य गणपति को विराजित करने से पहले तीन प्रमुख बातों का ध्यान सनातन धर्मावलंबी रखते हैं।

मध्य प्रदेश में ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी की पूजा की जाती है, लेकिन भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का महत्व पौराणिक मान्यताओं में सबसे खास माना गया है।

इस दिन गणेश उत्सव पूरी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को लोग अपने-अपने घरों में गणपति को बैठाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन 17 सितंबर को गणपति जी का विसर्जन किया जाएगा।

गणेश (Ganesh) प्रतिमा खरीदते समय 4 बातों का रखें ध्यान

पहली: गणेशजी की प्रतिमा मिट्टी की बनी होना चाहिए।
दूसरी: सूंड़ बाईं तरफ झुकी होना शुभ माना जाता है।
तीसरी: गणेश जी आराम की मुद्रा में बैठे हुए होना चाहिए।
चौथी: एक हाथ में मोदक, दूसरा आशीर्वाद की मुद्रा में हो।

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पूजा शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी छह सितंबर को दोपहर में तीन बजकर एक मिनट से आरंभ होगी और उसके बाद सात सितंबर को शाम पांच बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी सात सितंबर को मनाई जाएगी।

घर में इस विधि से करें गणपति (Ganesh) की पूजा

गणेश जी (Ganesh) की मूर्ति के सामने रोजाना सुबह शाम दीपक जलाएं। गणेश जी जितने दिन आपके घर में रहें उतने दिन उन्हें कम से कम तीन समय भोग लगाना चाहिए। भगवान को मोदक का भोग जरूर लगाएं।

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