नई दिल्ली| इस साल आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही प्रक्रिया को आसान बनाने और अनुपालन में सुधार के लिए आईटीआर फॉर्म में हर साल की तरह कुछ नए बदलाव किए गए हैं।
वित्त वर्ष 2020 के लिए नए आईटीआर फॉर्म में सेक्शन 80सी और 80डी के तहत दावा किए जाने वाले कर लाभ के तरीकों समेत छह प्रमुख बदलावों की जानकारी होना आपके लिए बेहद जरूरी है। इस बार फॉर्म में आपको अपने अतिरिक्त बैंक खाते का विवरण दर्ज करना होगा। यदि आप एक से अधिक बैंक खाते हैं, जिसमें आप कर वापसी चाहते हैं, तो इसकी जानकारी फॉर्म में देनी होगी।
अब इक्विटी शेयरों से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) और एक लाख रुपये से ऊपर के म्यूचुअल फंड कर योग्य हैं। इसके लिए विभाग ने आईटीआर फॉर्म में एक अलग अनुसूची 112ए पेश की है। इसके तहत आपको किसी कंपनी या इक्विटी-उन्मुख फंड की इकाई में इक्विटी शेयर की बिक्री के विवरण का खुलासा करना होगा, जिस पर धारा 112 ए के तहत प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) का भुगतान किया जाता है।
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कंसल्टेंसी फर्म डेलायट इंडिया पार्टनर ताप्ती घोष के अनुसार, वित्त वर्ष 20 के आईटीआर फॉर्म में एलटीसीजी की रिपोर्टिंग के लिए लाभांश-वार विवरण भरना जरूरी है। इसके अलावा करदाताओं को अनुसूची 112ए के रूप में अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूति पहचान संख्या (आईएसआईएन), लाभांश का नाम, यूनिटों या शेयरों की बिक्री, बिक्री मूल्य, खरीद मूल्य और उचित बाजार मूल्य की जानकारी देनी होगी।
कोरोना संकट के चलते आयकर विभाग ने करदाताओं को 31 मार्च के बजाय अब 31 जुलाई तक के निवेश पर धारा 80 सी सहित अन्य कटौती का दावा करने की अनुमति दी है। इस तरह के लाभ का दावा करने के लिए, आपको एक नए शेड्यूल के तहत आईटीआर फॉर्म में विवरण देना होगा। अगर आप इस वित्त वर्ष के बजाय अगले वित्त वर्ष में इसका लाभ उठाना चाहते हैं तो इस कॉलम को खाली छोड़ सकते हैं।