हर साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस (Dhanteras) का त्योहार मनाया जाता है. इस साल धनतेरस 22 अक्टूबर और 23 अक्टूबर दोनों दिन मनाया जा रहा है. पंडितों का कहना है कि धनतेरस की पूजा 22 अक्टूबर को की जानी चाहिए जबकि खरीदारी दोनों दिन की जा सकती है. हालांकि, लोहे की चीजें, वाहन आदि रविवार को ही खरीदने चाहिए.
धनतेरस (Dhanteras) के दिन सोना-चांदी, धनिया, झाड़ू और नई वस्तुएं खरीदने का महत्व बताया गया है. कहते हैं कि इस दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से माता लक्ष्मी, भगवान धनवंतरी और धन कुबेर प्रसन्न होते हैं. धनतेरस पर बहुत से लोग बर्तनों की भी खरीदारी करते हैं. धनतेरस पर खरीदे गए बर्तनों को अमृत कलश के समान माना जाता है. इसलिए इन बर्तनों को घर में खाली लेकर नहीं आना चाहिए. आइए जानते हैं कि धनतेरस पर खरीदे बर्तनों में आप कौन सी शुभ चीजें डालकर ला सकते हैं.
जल– धनतेरस के दिन अगर आप कोई बर्तन खरीद रहे हैं तो उसमें जल भरकर घर ला सकते हैं. सनातन धर्म में जल का विशेष महत्व बताया गया है. जल सृष्टि के पचंतत्वों में से एक है और इसे देवता के रूप में स्वीकार किया गया है. आप बर्तन में जल भरने के बाद उसमें थोड़ा सा गंगाजल भी मिला सकते हैं. इसके अलावा, धनतेरस पर खरीदे गए बर्तनों में आप शहद या दूध भरकर भी ला सकते हैं.
चावल– मंदिरों में पूजा हो या कोई धार्मिक अनुष्ठान, चावल के बिना कोई भी शुभ कार्य संपन्न नहीं किया जा सकता है. सनातन धर्म में इसे अक्षत कहा जाता है. अक्षत देवी-देवताओं को भी अर्पित किया जाता है. इसका प्रयोग देवी-देवताओं को चढ़ने वाली खीर और मिठाई में भी होता है.
सात तरह के अनाज– धनतेरस के बर्तन में अगर आप सात प्रकार के अनाज लेकर आएं तो ये और भी शुभ होगा. इस बर्तन में आप जौ, सफेद तिल, धान, गेहूं, काला चना, मूंग या मसूर दाल भी लेकर आ सकते हैं. ये अनाज देवी-देवताओं को भी चढ़ाए जाते हैं और इनके प्रयोग से बना प्रसाद श्रद्धालुओं में भी वितरित किया जाता है.
धनतेरस पर कैसे बर्तन न खरीदें?
धनतेरस के दिन स्टील या प्लास्टिक के बर्तन खरीदने से बचना चाहिए. इसकी जगह आपको पीतल या किसी शुद्ध धातु से बने बर्तन ही खरीदने चाहिए. स्टील को लोहे और कार्बन के मिश्रण से बनाया जाता है, इसलिए ये एक अशुद्ध धातु है, जिसे धनतेरस पर घर लाने से बचना चाहिए.