19 सितंबर को हर घर में गणेश (Ganesh) स्थापित हो जाएंगे। इस दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो रही है। गणेश जी को घर लाते समय और उन्हें स्थापित करते समय कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। इस बार का ध्यान रखें कि गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा ही घर लेकर आएं।
बप्पा (Ganesh) को आप अपने घर में तीन, पांच, सात या फिर पूरे दस दिन के लिए रख सकते हैं। गणेश जी की प्रतिमा स्वच्छ और पवित्र स्थान पर ही रखें। इस दिन गणेश जी को पीले वस्त्र ही पहनाएं और खुद भी इस दिन पीले वस्त्र धारण करें। कुछ बातों को ध्यान में रखा जाए, तो बप्पा प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा जातक पर बरसाते हैं।
इस तरह करें स्थापना
गणेश जी (Ganesh) की प्रतिमा स्थापित करें, तो उनके सामने एक कलश रखें। इस कलश में एक सुपारी और कुछ सिक्के डालें। गणेश जी की प्रतिमा का पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। बप्पा से विराजित होने की प्रार्थना करें।
स्थापना के बाद गजानन को रोली और अक्षत का टीका लगाएं। इसके बाद उन्हें माला पहनाएं और पुष्प अर्पित करें। भगवान के सामने दीप जलाएं। गणेश जी की पूजा में भोग लगाना ना भूलें। इसके लिए उन्हें मोदक या बूंदी के लड्डू का भोग लगा सकते हैं।
दूर्वा जरूर अर्पित करें
गणेश जी (Ganesh) की पूजा करते समय उन्हें दूब अर्पित करें। बप्पा को दूब बहुत प्रिय है। वहीं, गणेश जी को तुलसी दल नहीं चढ़ाना चाहिए। जहां भी बप्पा का विराजित करते हैं, वहां उन्हें अकेला न छोड़ें। रात में भी आप वहीं सोएं। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर, स्नान आदि से निवृत्त होकर गणेश जी की सेवा करें। हर शाम उनकी आरती करें।
न करें ये काम
इस बात का ध्यान रहे कि आपके घर में गणेश जी (Ganesh) विराजित हैं, तो किसी भी प्रकार का बुरा काम न करें। किसी को भी कष्ट न पहुंचाएं और ना ही अपशब्द बोलें। गणेश जी को पशु-पक्षी प्रिय हैं, तो इस दौरान उनकी सेवा करें, उन्हें दाना पानी दें।
गणेश उत्सव के दौरान सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन वर्जित होता है। इस दौरान काले कपड़े भी नहीं पहनना चाहिए।