वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए नैऋत्य कोण, यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार नैऋत्य कोण, यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा का तत्व पृथ्वी है। इस दिशा का संबंध माता से है। इसका संबंध पीले रंग से है।
ऋतुओं में इसका संबंध प्रारंभिक वर्षा ऋतु से है, जबकि शरीर में इसका संबंध हमारे पेट से है। अतः अगर आपको पेट संबंधी कोई परेशानी है या आपकी माता को किसी प्रकार की परेशानी है, उनके पेट में तकलीफ है या आपको वर्षा ऋतु में किसी तरह की परेशानी बनी रहती है, उस समय में आप ठीक से कुछ खा – पी नहीं पाते हैं या आपको खाना पचाने में दिक्कत आती है तो आपको अपने घर के नैऋत्य कोण, यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में पीला रंग करवाना चाहिए।
अगर रंग नहीं करवा सकते तो पीले रंग के पर्दे लगाएं या फिर पीले रंग की कोई चीज़ रखें। साथ ही अगर आप घर या ऑफिस के नैऋत्य कोण, यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में बड़े पेड़-पौधे या गमले लगायेंगे तो आपको बहुत फायदा मिलेगा।