नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने राज्यों को जीएसटी बकाया प्रदान करने के लिए कानूनी रूप से व्यवहार्य और सतत अन्य विकल्पों पर विचार करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्यों को कोविड-19 के कारण पैदा हुए वित्तीय संकट से निपटने में मदद मिल सकेगी।
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उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय द्वारा पेश ऋण के दो विकल्पों में मुख्य रूप से राज्यों को कर्ज लेने की आवश्यकता होगी और उसके बाद पुनर्भुगतान देनदारियों को पूरा करने के लिए राज्यों पर “अत्यधिक बोझ” पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद को केंद्र को राज्यों की ओर से उधार लेने के लिए अधिकृत करने और उपकर संग्रह की अवधि 2022 से आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए केजरीवाल ने पत्र में कहा कि टैक्स कलेक्शन में कमी पर राज्यों को जीएसटी मुआवजे का आश्वासन उन स्तंभों में से एक है जिस पर जीएसटी का पूरा ढांचा खड़ा है।
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उन्होंने यह भी कहा कि सभी राज्य सामूहिक रूप से काम कर उस अभूतपूर्व स्थिति से निपट लेंगे जो कोरोना वायरस के कारण देश के सामने आयी है। पिछले दिनों जीएसटी परिषद की बैठक के बाद केंद्र ने कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी कलेक्शन में कम से कम 2।35 लाख रुपये की कमी आई है। राज्यों को दो विकल्प दिए गए हैं। पहला विकल्प तो यह है कि केंद्र बाजार से कर्ज लेकर राज्यों को पैसा दे। दूसरा विकल्प यह है कि राज्य आरबीआई से कर्ज ले। राज्यों का कहना है कि वे उधार ले सकते हैं लेकिन इसकी गारंटी केंद्र सरकार को देनी होगी।