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जंतर मंतर पर केजरीवाल का धरना, बोले- अगर एलजी ही सरकार तो दिल्ली में चुनाव क्यूं

जंतर मंतर पर केजरीवाल का धरना

जंतर मंतर पर केजरीवाल का धरना

नई दिल्ली। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच तकरार एक बार फिर बढ़ रही है। केंद्र द्वारा संसद में NCT एक्ट से जुड़ा एक संशोधित बिल पेश किया गया है, जो कि उपराज्यपाल को मिलने वाले अधिकार को बढ़ाता है। ऐसे में अब आम आदमी पार्टी इस मसले पर विरोध तेज़ कर रही है। पार्टी के तरफ से आयोजित धरने में शामिल होने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल जंतर-मंतर पहुंचे। यहां उन्होंने मंच से केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सीएम ने कहा कि केंद्र के इस बिल से दिल्ली के लोग दुखी हैं।

जंतर-मंतर से सीएम केजरीवाल ने आगे आगे कहा कि अगर एलजी ही सरकार है तो दिल्ली में चुनाव का क्या मतलब? दिल्ली में बीजेपी ने सरकार गिराने की कोशिश की। ये लोग देश में सरकार गिराने के लिए जाने जाते हैं।

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AAP कार्यकर्ताओं समेत दिल्ली सरकार के कई मंत्री भी वहां मौजूद हैं। इससे पहले मनीष सिसोदिया ने मंच से कहा कि आज फिर जंतर मंतर पर आ गए हैं, जंतर मंतर से ताकत लेकर 2013 में पार्टी बनाकर दिल्ली में कामकाज शुरू किया है। आज इस ताकत से भारतीय जनता पार्टी डर रही है।

उन्होंने कहा कि ये कानून केवल दिल्ली सरकार की ताकत को रोकने का कानून नहीं है, बल्कि केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस को उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तराखंड में रोकने का कानून भी है।

इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता और सरकार में मंत्री गोपाल राय ने मंच से कहा कि एक बार फिर केंद्र द्वारा षड्यंत्र करके चुनी हुई सरकार को कमजोर करना चाहती है। उन्होंने मंच से कहा कि दिल्ली के लोग डरे हुए है कि अगर केजरीवाल सरकार से ताकत छीन कर LG के पास चली जाएगी तो बिजली-पानी की सुविधा बंद हो जाएगी। मुफ़्त स्वास्थ्य सेवा और महिलाओं का मुफ़्त बस सफर बंद हो जाएगा।

गोपाल राय ने मंच से नारे भी लगवाए “अमित शाह की तानाशाही नही चलेगी”, “लोकतंत्र की हत्या बन्द करो”, “लड़ेंगे, जीतेंगे। इस प्रदर्शन में आप के पार्षद, विधायक, मंत्री, सांसद, मुख्यमंत्री शामिल हुए।

 

बता दें कि इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल ट्विटर के जरिए केंद्र को घेर चुके हैं। वहीं मनीष सिसोदिया ने इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और केंद्र पर बैकडोर से दिल्ली की सरकार चलाने का आरोप लगाया था। आम आदमी पार्टी के सांसद इससे पहले संसद में भी इस मसले को उठा चुके हैं।

आम आदमी पार्टी के अलावा बुधवार को दिल्ली कांग्रेस भी इस मसले पर प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस की ओर से भी इस बिल का विरोध किया जा रहा है। बता दें कि केंद्र द्वारा जो बिल लाया गया है, उसके मुताबिक दिल्ली सरकार को किसी भी बिल या कानून बनाने के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी। इसके अलावा प्रशासनिक फैसलों के लिए भी उपराज्यपाल को पहले ही सूचना देनी होगी और मंजूरी लेनी होगी।

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