लखनऊ। KGMU के डॉक्टरों ने 14 वर्षीय किशोर का धड़ से अलग हुआ हाथ दोबारा जोड़ने में सफलता पाई है। किशोर का हाथ 21 नवंबर को तेल निकालने वाली मशीन में फंसकर शरीर से अलग हो गया था। केजीएमयू में सर्जरी के बाद अब वह अपना हाथ हिला-डुला पा रहा है। सोमवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
KGMU के प्रवक्ता प्रो. सुधीर सिंह ने बताया कि अमेठी निवासी शिवांश यादव को 21 नवंबर की रात 10 बजे ट्रॉमा सेंटर लाया गया था। उसका दाहिना हाथ मशीन में फंसकर कट गया था। स्थानीय डॉक्टरों की सलाह पर घरवाले उसका हाथ बर्फ में लपेटकर लेकर आए थे। प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डाक्टरों की टीम ने तुरंत ही मरीज तथा उसके कटे हाथ की बारीकी से जांच की। इसके बाद जरूरी जांचों के बाद तुरंत ऑपरेशन शुरू कर दिया।
करीब सात घंटे की जटिल सर्जरी के बाद हाथ को जोड़ दिया गया। हाथ कटने से काफी मात्रा में खून बह जाने के कारण मरीज को तीन यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया। सर्जरी में विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार के साथ ही डॉ. संध्या पांडेय, डॉ. किरन सिलवाल, डॉ. शैलेंद्र सिंह, डॉ. प्रेमराज, डॉ. चिंता काव्या, डॉ. प्राची, डॉ. महविश खान, डॉ. रोहित, डॉ. कार्तिकेय शामिल रहे।
हाथ या अंगुली कटने पर क्या करें
- कटकर अलग हुए भाग को साफ कपड़े में लपेटकर तुरंत बर्फीले पानी में डालें।
- शरीर से लगे जख्मी हिस्से पर साफ कपड़ा बांध दें या ड्रेसिंग कर दें।
- बिना देरी किए ऐसे अस्पताल जाएं, जहां रीप्लांट की सुविधा हो।
- कटे अंग को जोड़ने का गोल्डन पीरियड 6-8 घंटे का होता है। इसलिए देरी न करें।