हिंदू धर्म में खरमास (Kharmas) का विशेष महत्व बताया गया है। इसे मलमास भी कहा जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है क्योंकि खरमास की अवधि को अशुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल खरमास (Kharmas) 16 दिसंबर, 2023 को शुरू होगा और यह 15 जनवरी, 2024 को समाप्त होगा। पंडित चंद्रशेखर मलतारे से जानते हैं कि खरमास में कौन-कौन से शुभ कार्य नहीं किए जा सकते हैं।
सूर्य का धनु राशि में प्रवेश
हिंदू ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। धनु राशि में जब तक सूर्य देव विराजमान रहते हैं, इसी अवधि को खरमास कहा जाता है और इस दौरान शुभ कार्य जैसे विवाह, सगाई समारोह, नया घर या वाहन खरीदने, मुंडन समारोह आदि नहीं किए जाते हैं।
खरमास (Kharmas) का धार्मिक महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, खरमास की अवधि करीब एक माह की होती है, जिसे कुछ कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता है। खरमास का संबंध धनु संक्रांति से होता है। जब सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति पर्व के साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है।
खरमास (Kharmas) में करें ये काम
– रोज सुबह उठकर सूर्यदेव की आराधना करें और सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए।
– खरमास में जप, तप, दान का विशेष महत्व है। इससे सभी कष्ट दूर होते हैं।
– खरमास में गाय, गुरु, ब्राह्मण की सेवा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
– खरमास में किसी पवित्र तीर्थ स्थान की यात्रा करना चाहिए।