कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपी दौरे से पहले दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। जिसमें उन्होने लखीमपुर खीरी कांड पर भाजपा सरकार को घेरा। लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर उन्होंने कहा है कि यूपी में किसानों को कुचला जा रहा है और आरोपियों पर एक्शन नहीं लिया जा रहा। राहुल गांधी ने कहा, ‘कुछ समय से हिंदुस्तान के किसानों पर सरकार का आक्रमण हेा रहा है। किसानों को जीप के नीचे कुचला जा रहा है। उनका मर्डर किया जा रहा है। बीजेपी के होम मिनिस्टर की बात हो रही है उनके पुत्र की बात हो रही है। उन पर कोई एक्शन नहीं हो रहा।
देशभर के किसानों पर एक के बाद एक हमला हो रहा है। पहले तीन कृषि कानून बिल लाकर। अब उनका हक छीना जा रहा है। कल प्रधानमंत्री जी लखनऊ में थे, लेकिन लखीमपुर खीरी नहीं जा पाए। मृत किसानों का पोस्टमार्टम ठीक से नहीं किया जा रहा है। जो ठीक से बात करे उसे बंद किया जा रहा है। आज हम लखनऊ जाने की कोशिश करेंगे, लखीमपुर जाने की कोशिश करेंगे।’
LIVE: लखीमपुर खेरी में हुए नरसंहार व कांग्रेस नेताओं के साथ अन्याय पर प्रेस के साथियों से मेरी वार्ता। https://t.co/oUC4OA2bKf
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 6, 2021
राहुल ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यूपी में अपराधियों को खुली छूट मिली हुई है। जैसा आपने अभी बोला कि यह राजनीति हो रही है। हमारा विपक्ष का काम प्रेशर बनाने का होता है, तब कार्रवाई होती है। सरकार नहीं चाहती कि हम प्रेशर बनाएं। सच बताऊं कि यह काम आपका है, लेकिन आप अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते, उसे आप भूल गए।
राहुल ने कहा कि देश का जो ढांचा है उसे बीजेपी और आरएसएस काबू कर रही है। यह सिर्फ मीडिया की बात नहीं है। आप जानते हो कि मीडिया को कैसे कंट्रोल किया जाता है उसी तरह देश के सभी इंस्टीट्यूशंस को कंट्रोल किया गया है। आज देश में तानाशाही है। राजनेता उत्तर प्रदेश में नहीं जा सकते। कल से हमें कहा जा रहा है कि भैया आप नहीं जा सकते।
लखीमपुर हिंसा: मृतक किसान का फिर से हुआ पोस्टमार्टम, परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
कांग्रेस नेता ने कहा कि चाहे प्रियंका हो मैं हूं या हमारे परिवार का कोई भी हो, हमें मैन हैंडलिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें मार दीजिए, काट दीजिए हमें फर्क नहीं पड़ता। यह हमारी सालों पुरानी ट्रेनिंग हैं। यह हमारे परिवार की ट्रेनिंग है। हिंदुस्तान की आवाज को कुचला जा रहा है। मैं पीड़ित परिवारों का दर्द बांटना चाहता हूं। वहां जाकर ग्राउंड रियलिटी जानना चाहता हूं। समझना चाहता हूं। अभी ग्राउंड रियलिटी किसी को नहीं पता है।